लाख कोशिशों के बावजूद भी बच्ची का कोई पता नहीं चला था। जिसके बाद तत्काल प्रभाव से प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा एनडीआरएफ की टीम को बच्ची की खौज में लगाया गया और आखिरकार 17 घंटे चले रेस्क्यू आपरेशन के बाद मासूम का शव बरामद हुआ।
इलाके के लोगों का आरोप है कि इस इलाके में गहरे नाले हैं। जिन को ढकने के लिए नगर निगम अधिकारियों से कई बार लिखित में भी पत्र दिया जा चुका है। लेकिन इस तरफ किसी का भी कोई ध्यान नहीं है। इसलिए इलाके के लोग भी इस बच्ची की मौत के जिम्मेदार नगर निगम कर्मचारियों को ही मान रहे हैं। लोगों का कहना है कि बारिश का मौसम शुरू हो चुका है फिर भी निगम द्वारा नालों को कवर नहीं किया गया। जबकि खुले नालों व सीवर में पहले भी कई बार घटनाएं हो चुकी हैं।
मेयर आशा शर्मा का कहना है कि शहर भर में गहरे नालों को चिन्हित कर कवर करने का काम किया जा रहा है। जिससे कि किसी तरह की घटना न हो सके। इसके लिए अधिकारियों को भी निर्देशित किया गया है और सभी सीवर व नालों को कवर किया जाएगा।