सीआरआई और एस्सेल ग्रुप करेगा प्लानिंग निगम और जीडीए दोनों गाजियाबाद के ट्रैफिक को खत्म करने के लिए दो अलग-अलग योजनाओं पर काम कर रहे हैं। प्राधिकरण सीआरआरआई के साथ मिलकर वहीं निगम ब्रिटेन की एस्सेल ग्रुप कंपनी के साथ मिलकर योजनाओं पर काम कर रहे हैं। जीडीए सडक़ सुधार को लेकर कॉम्प्रहेंसिव मोबलिटी प्लान पर काम कर रही है। वहीं वाहनों का दवाब कम करने और प्रदुषण को कम करने के लिए निगम एस्सेल के साथ मिलकर अपना प्लान बना रही है। दो साल के भीतर इन दोनों ही योजनाओं का असर शहर के यातायात पर दिखने लगेगा।
यह भी पढ़ेंं: यूपी में दिखेगा क्रिकेट का रोमांच, आपस में भिड़ेंगी ये इंटरनेशनल टीमें निगम की शहर में ई-वाहन दौड़ाने की तैयारी गाजियाबाद स्मार्ट सिटी की रेस में शामिल था। हालांकि उसका चयन स्मार्ट सिटी में तो नही हो पाया। मगर इसी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत यातायात के लिए ई-वाहनों को चलाने की योजना को निगम ने शहर में लागू करने का मन बनाया है। नगरायुक्त सीपी सिंह ने बताया कि इसके लिए ब्रिटेन की एस्सेल कंपनी सर्वे करेगी। सर्वे में वाहनों की क्षमता के हिसाब से मार्गों को चिन्हित किया जाएगा। यानि किस मार्ग पर ई-रिक्शा चलने हैं, किस मार्ग पर ई-ऑटो और किस मार्ग पर ई-बस। सर्वे रिपोर्ट आने के बाद कंपनी के साथ इन मार्गों पर ई-वाहनों का संचालन किया जाएगा।
निगम के नहीं होगें अधिक रूपये खर्च नगर निगम को इस परियोजना को लागू करने में कोई खासा खर्च नही करना पड़ेगा । बस कंपनी को उसके वाहनों के संचालन की निर्धारित राशि देगा। सर्वे में सुझाए गए मार्गों पर आरटीओ की सहायता से वर्तमान ऑटो व बसों को हटाकर केवल ई-बस चलाई जाएंगी।
जीडीए सड़क सुधार पर कर रहा काम काम्प्रहेंसिव मोबिलिटी प्लान के तहत सीआरआरआई 9 महीनों में शहर के ट्रैफिक का पूरा ब्यौरा इकट्ठा कर अगले बीस सालों के लिए ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान बनाया जाना है। इसे लेकर 3 फरवरी को जीडीए और सीआरआरआई के बीच एमओयू भी साइन हो चुका है। प्लाने के मुताबिक 9 महीनें की यह प्रक्रिया 3-3 महीने के तीन चरणों में पूरी होगी। पहले तीन महीनों में शहर के ट्रैफिक का डाटा इकट्ठा किया जाएगा। जिसमें शहर के मुख्य चौराहों, जाम पाइंट और ब्लैक स्पॉटों को चिन्हित किया जाएगा। इसके बाद अगले तीन महीनें इस डाटा का विशलेषण कर वर्तमान में ट्रैफिक को मैनेज करने के लिए सुझाव दिए जाएंगे। आखिरी तीन महीनों में इसी डाटा के आधार पर जिले में जाम की समस्या को खत्म करने के लिए अगले 20 सालों का प्लान तैयार होगा।
गाजियाबाद प्राधिकरण के वीसी रितू माहेश्वरी के मुताबिक जाम को खत्म करने में सीआरआरआई से मदद मिलेगी। प्लान तैयार होने के बाद में साफ होगा कि कहां पुल बनना , कहां सडक़ चौड़ी होनी है , कहां नई सडक़ बनानी है। कहां लालबत्ती बनानी है कहां हटानी है। कहां कट बनाना है, कहां कट बंद करना। सुझावों के आने के बाद उनपर अमल कराया जाएगा।