अवस्थापना निधि जिसे आमजन की गाढी कमाई का हिस्सा माना जाता है। अवस्थापना निधि से रमते राम रोड पर बना नगर निगम का व्यवसायिक कॉम्पलेक्स और पक्का तालाब करोडों रुपए की रकम खर्च होने के बाद भी शो पीस बना हुआ है। नेहरू नगर में निगम का ऑडिटोरियम किस हालात में है ये देखने वाला भी कोई नहीं है। इसके लिए किसी तरह की जिम्मेदारी भी तय नहीं हो पायी है।
नगर निगम में पिछले दिनों बिजली समान खरीद में अनियमितताओं के मामले उठे और गठित जांच कमेटी के द्वारा जांच पूरी करते हुए महापौर के समक्ष प्रस्तुत की गई लेकिन जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद भी रिजल्ट शून्य ही रहा। आम जन को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने की वाटर एटीएम की योजना किन हालात में है। ये किसी से छुपा नहीं है। वजह बडी संख्या में दिल्ली सीमा से लगे गाजियाबाद में कॉलोनियां ऐसी है जहां स्वच्छ पानी के लिए लोग पूरी-पूरी रात जगाते हैं।
बकरीद
पर बनाए रखें शांति, नहीं तो होगी कार्रवाईसपा सरकार के कार्यकाल के दौरान प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का चार बार आगमन हुआ, लेकिन देखा जाए तो सीएम के आगमन का दूर तक भी क्षेत्र के लोगों को लाभ नहीं मिला। अब नई सरकार के बनने के बाद सीएम के कार्यक्रम को लेकर सडकों आदि की स्थिति को एक नया रूप दिया जा रहा है।
हिंडनपार के साहिबाबाद और लोनी इलाके में पिछले एक दशक से सौ-सौ बेड के अस्पताल की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है। लोनी में सौ बेड के अस्पताल की जमीन की जिला प्रशासन के द्वारा उपलब्धता तय किए जाने के बावजूद इस अस्पताल का रास्ता साफ नहीं हो पाया है। स्थानीय सांसद एवं केंद्र सरकार में मंत्री वीके सिंह के द्वारा भी हिंडनपार में सौ बेड के आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से युक्त अस्पताल पर जोर दिया गया, लेकिन अभी तक जमीन की उपलब्धता का रास्ता अधर में लटका है। यही स्थिति गाजियाबाद विधानसभा के तहत आने वाले लाइन पार क्षेत्र की है। क्षेत्र के लोगों को चिकित्सा सुविधा के लिए निजी नर्सिंग होम अथवा दिल्ली की दौड लगानी पड़ती है।