इतना ही नहीं इस बार पटाखों की बिक्री के लिए लाइसेंस प्रक्रिया भी सख्त कर दी गई है। क्योंकि सभी आवेदन कर्ताओं को तमाम प्रक्रिया पूरी करते हुए इस बार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी अनुमति लेनी होगी और ग्रीन पटाखों की बिक्री के लिए ही लाइसेंस जारी होंगे। सूत्रों के मुताबिक शनिवार देर शाम तक जिला प्रशासन को इस बार पटाखों की बिक्री के लिए लाइसेंस बनवाने के लिए कुल 98 आवेदन प्राप्त हुए हैं। जिनमें से 85 आवेदन शहरी क्षेत्र से प्राप्त हुए हैं। जबकि 13 आवेदन देहात क्षेत्रों के शामिल है।
इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए गाजियाबाद के जिला अधिकारी अजय शंकर पांडे का कहना है कि इस बार वायु प्रदूषण को कंट्रोल में करने के उद्देश्य से केवल 3 दिनों के लिए अस्थाई लाइसेंस जारी किया जाएगा। लाइसेंस धारक भी किसी तरह के विदेशी पटाखे की बिक्री नहीं कर पाएगा। पारा, आर्सेनिक, लेड, लिथियम, जैसे जहरीले पदार्थों का इस्तेमाल कर बनाए जाने वाले पटाखों की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित होगी। इस बार केवल ग्रीन पटाखे यानी कम उत्सर्जन वाले पटाखों की बिक्री के लिए ही अनुमति दी जाएगी। इसके लिए हर थाना क्षेत्र में सघन चेकिंग अभियान चलाया जाएगा। यदि नियमों के विरुद्ध कोई भी पटाखे की बिक्री करता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।