एएसआईको पुलिस ने किया गिरफ्तार- दरअसल 25 मार्च को सुबह विजय नगर इलाके में रहने वाली एक युवती और उसके प्रेमी अन्नू उर्फ सुरेंद्र चौहान को गोलियों से भून कर उनकी हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद से पुलिस ने अपना जाल बिछाते हुए इस हत्याकांड का खुलासा करने के लिए अपनी टीम रवाना की। आखिरकार पुलिस हत्यारों के पास जा पहुंची और इस मामले में पुलिस ने दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के एक एएसआई दिनेश कुमार एवं उसके एक मित्र को गिरफ्तार कर लिया । पुलिस ने उनके कब्जे से हत्या में इस्तेमाल की गई। एक पिस्टल और स्विफ्ट कार को भी बरामद कर लिया है ।पुलिस ने इनसे गहनता से पूछताछ की तो जो मामला सामने आया वह बेहद चौंकाने वाला था।
प्रेमी-प्रेमिका करने वाले थे शादी- गिरफ्तार किए गए हापुड़ का रहने वाला दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के एएसआई दिनेश कुमार ने बताया कि मृतका उसके सा-ले नरेश की सा-ली थी। रिश्तेदारी होने के कारण आपस में काफी आना जाना था। इस दौरान मृतका के साथ दिनेश का प्रेम प्रसंग हो गया और यह सिलसिला काफी दिन से लगातार चलता रहा। दिनेश मृतका को बेहद चाहता था, लेकिन मृतका थाना विजय नगर इलाके की प्रताप विहार कॉलोनी में अपने पिता के पास आ गई थी। यहां पहुंचने के बाद मृतका का प्रेम प्रसंग अन्नू उर्फ सुरेंद्र चौहान के साथ हो गया था। इतना ही नहीं दोनों ने साथ जीने और मरने की कसम खाई हुई थी। बहराल काफी जद्दोजहद के बाद दोनों ने परिवार को मना लिया और मृतका के परिजन भी अन्नू उर्फ सुरेंद्र चौहान के साथ विवाह करने के लिए तैयार हो गए थे। शादी की अपनी मनोकामना पूरी होने के बाद दोनों ही 25 मार्च की सुबह शहर कोतवाली स्थित साईं उपवन में साईं मंदिर पहुंचे थे। जहां पहले से ही घात लगाकर बैठे दिनेश ने दोनों को ही मौत के घाट उतार दिया गया।
मंदिर में गोली मारकर की हत्या- इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए एसपी सिटी श्लोक कुमार ने बताया कि हत्यआरोपी दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के एएसआई द्वारा गहनता से पूछताछ की जाने के बाद बताया गया कि एएसआई दिनेश मृतका की शादी किसी और के साथ होने देना नहीं चाहता था ।लेकिन मृतका अन्नू उर्फ सुरेंद्र चौहान के साथ शादी करना चाहती थी । जिस दिन मृतका की हत्या की गई थी, उससे 1 सप्ताह पहले मृतका को दिनेश फोन किया लेकिन वह किसी तरह की कोई बात नहीं करन चाहती थी। इतना ही नहीं उसने फोन की सिम भी बदल दी थी। लेकिन यह बात दिनेश को नागवार गुजरी। उसने अपने एक साथी पिंटू शर्मा को अपने साथ लिया और ड्यूटी से पहले ही आ गया था। दोनों ही कार से मृतका और अन्नू उर्फ सुरेंद्र चौहान का पीछा करते हुए साईं मंदिर तक जा पहुंचे। उसी दौरान मृतका और दिनेश की काफी नोकझोंक हुई और तभी दिनेश ने आनन-फानन में पिस्टल से मृतका और अनु और सुरेंद्र चौहान को गोली मार दी। हत्या करने के बाद दोनों मौके से फरार हो गए।
आपको बता दें कि दिनेश 1994 में दिल्ली पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुआ था और 2008 में वह हैड कांस्टेबल बना था। उसके बाद 2016 में यह एएसआई बन गया था। उन्होंने बताया कि ट्रैफिक पुलिस की तैनाती के पहले कई थानों में भी यह तैनात रह चुका है।