कुछ लोगों ने की नासमझी 5 अप्रैल से पहले गाजियाबाद ग्रीन जोन में चल रहा था। 4 अप्रैल को गाजियाबाद का एक्यूआई 91 था जबकि 3 अप्रैल को 68 था। इसके बाद रविवार को रात 9 बजे लोगों ने अपने घरों की बालकनी और छतों पर दीपक, मोमबत्ती और टॉर्च की लाइट जलाकर रोशनी की। इस बीच कुछ नासमझ लोगों ने आतिशबाजी शुरू की। इससे प्रदूषण का स्तर बढ़ गया। रविवार रात को एक्यूआई 180 पहुंच गया। पीएम 10 और पीएम 2.5 काफी बढ़ गया था। उस दिन सिलीगुड़ी के बाद गाजियाबाद की हवा सबसे ज्यादा खराब रही। सिलीगुड़ी का एक्यूआई 231 रिकॉर्ड किया गया था।
सबसे ज्यादा प्रदूषित रहा लोनी अगर गाजियाबाद के क्षेत्रों की बात करें तो रविवार को सबसे ज्यादा प्रदूषण का स्तर लोनी में बढ़ा। यहां का एक्यूआई 223 दर्ज किया गया। इसके अलावा वसुंधरा में एक्यूआई 201 और इंदिरापुरम में एक्यूआई 189 रहा। गाजियाबाद के संजय नगर इलाके में हवा सबसे साफ दिखाई दी। लोनी, इंदिरापुरम और वसुंधरा में प्रदूषण बढ़ने के बाद से बुजुर्ग लोगों की आंखों में जलन और सांस लेने परेशानी भी महसूस हुई। हालांकि, सोमवार से यहां प्रदूष्ण का स्तर घटने लगा। सोमवार यानी 6 अप्रैल को गाजियाबाद फिर से ओरेंज जोन में आ गया और एक्यूआई 141 रहा। मंंगलवार को सुबह जिले का एक्यूआई 84 था।
यह कहा कुमार विश्वाश ने वहीं, कुछ लोगों के इस तरह आतिशबजी करने पर कवि कुमार विश्वाश ने भी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने 5 अप्रैल की रात को ही ट्वीट किया, ये तो हद्द है। कहा क्या गया, हो क्या रहा है? कब सुधरेंगें? मेरी कॉलोनी में लोग सड़क पर पटाखे फोड़ रहे हैं। हम हर विपदा का प्रहसन (मजाक) क्यों बना देते हैं।