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Special Report: कुपोषण से निपटने में अफसर फेल, बढ़ रही कुपोषित बच्चों की संख्या गाजियाबाद में दमकल विभाग की स्थिति पर एक नजर
गाजियाबाद जनपद में दमकल विभाग के चार स्टेशन बने हुए हैं। इनमें घंटाघर स्टेशन, वैशाली, साहिबाबाद और मोदीनगर स्टेशन शामिल हैं। साथ ही एक अस्थाई स्टेशन लोनी में भी तैयार किया है। जवान और अधिकारियों की बात की जाए तो सभी पर एक-एक दमकल स्टेशन प्रभारी तैनाती है। वहीं चारों ओर एक स्थाई और एक अस्थाई स्टेशन पर एक मुख्य अग्निशमन अधिकारी रहता है। इसके अलावा सभी स्टेशनों को सूचना देने के लिए दमकल विभाग की तरफ से एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।
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कुल जवानों की मौजूदगी
जनपद के पास दमकल विभाग में पांच स्टेशन प्रभारी, एक मुख्य अग्निशमन अधिकारी, तीन सैकेंड ऑफिसर और 136 जवान हैं। इनमें से करीब 36 जवान पांचों दमकल स्टेशनों में प्रशासनिक काम देखते हैं। बाकी करीब 96 जवान हादसों से निपटने के लिए डयूटी पर रहते हैं। एक औसत के हिसाब से देखा जाए तो इनमें भी छह के करीब जवान छुट्टी पर होते हैं। ऐसे में सिर्फ 90 के करीब जवान ही ड्यूटी पर रह जाते हैं जिन्हें आग बुझाने के साथ ही आग में फंसे हुए लोगों को भी बाहर निकालना होता है।
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जनपद में औद्योगिक इकाइयों, स्कूल, कॉलेजों, दफ्तरों, अस्पतालों व पेट्रोल पंप की बड़ी तादाद है। जोकि साल दर सा पांच से दस फीसदी तक बढ़ रही है। कारखाना विभाग के डायरेक्टर ओपी भारती के अनुसार गाजियाबाद में आठ अत्यधिक खतरनाक, तीन गैस प्लांट, दो गंगाजल प्लांट, 425 खतरनाक कैटेगरी वाले उद्योग, 2111 सामान्य उघोग शामिल हैं। लोनी में कई गैस कम्पनियों की गैस रिफिलिंग होती है। इसके चलते गाजियाबाद को प्रदेश के तीसरे सबसे संवदेनशील जिलों की कैटेगरी में रखा गया है।
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केमिकल की आग बुझाने के लिए नहीं है फोम टेंडर
दमकल विभाग सूत्रों के मुताबिक गाजियाबाद में इतनी बड़ी संख्या में उद्योग होने के बाद भी कैमिकल की आग से बचाव के लिए फोम टेंडर उपलब्ध नहीं है। इसकी वजह से अगर किसी इंडस्ट्री में कोई बड़ा हादसा हुआ तो भारी जनहानि हो सकती है। इसके लिए पड़ोस के दूसरे जनपदों पर गाजियाबाद को निर्भर रहना पड़ता है।
दमकल विभाग सूत्रों के मुताबिक गाजियाबाद में इतनी बड़ी संख्या में उद्योग होने के बाद भी कैमिकल की आग से बचाव के लिए फोम टेंडर उपलब्ध नहीं है। इसकी वजह से अगर किसी इंडस्ट्री में कोई बड़ा हादसा हुआ तो भारी जनहानि हो सकती है। इसके लिए पड़ोस के दूसरे जनपदों पर गाजियाबाद को निर्भर रहना पड़ता है।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी का कहना
मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि जनपद में दमकल के जवानों की संख्या कम है। इसके संबंध में शासन को पत्र के माध्यम से अवगत कराया जा चुका है। फोम टेंडर मिलने का काम प्रक्रिया में है, संभवत: जल्द से जल्द फंड जारी होने के बाद ही इसकी उपलब्धता हो पाएगी।
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