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पत्रिका इम्पैक्ट: गणपति विसर्जन के आखिरी दिन घाट पर हुई सख्ती, भारी पुलिसबल तैनात

locationगाज़ियाबादPublished: Sep 05, 2017 01:04:00 pm

Submitted by:

pallavi kumari

पत्रिका की खबर का हुआ असर, गणपति विसर्जन के लिए बनाया गया अस्थाई तालाब , नदी दूषित करने पर पांच से बीस हजार रुपये तक का जुर्माना

 Ganpati Visarjan

Ganpati Visarjan

गाजियाबाद. गणेश मूर्ति विसर्जन का मंगलवार को आखिर दिन है। 25 सितंबर को स्थापित की गई गणेश की मूर्तियां विसर्जन का शुभ समय मंगलवार का है। जिसकी वजह से गाजियाबाद में हिंडन नदी में नेशनल हाईवे- 58 और मुरादनगर गंग नहर में मूर्ति विसर्जन का सिलसिला जारी है। आपको बता दें कि एनजीटी ने आदेश जारी किया था कि किसी भी नदी या नहर को दूषित ना किया जाए यानि के उनमें पूजा सामग्री या मूर्ति विसर्जन नहीं की जानी चाहिए, लेकिन एनजीटी के कड़े आदेश के बावजूद भी लोग नदी और नहर में मूर्ति विसर्जन या पूजा सामग्री लगातार कर रहे हैं।
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हालांकि प्रशासन द्वारा हिंडन नदी के किनारे एवं गंग नहर के किनारे एक अस्थाई तालाब बनाया गया है। जिसमें गंग नहर का पानी भरा गया है और साफ तौर पर लोगों को हिदायत दी गई है कि कोई भी भक्त गणेश मूर्ति का विसर्जन नदी या नहर में नहीं करेंगे। सभी भक्त प्रशासन द्वारा बनाए गए अस्थाई तालाब में मूर्ति विसर्जन करें। नहर और हिंडन पर इसके लिए प्रशासन द्वारा बोर्ड भी लगाए हैं। बावजूद उसके कुछ लोग लगातार नदी या नहर में मूर्ति विसर्जन कर रहे थे।
यह खबर खबर पत्रिका में प्रमुखता से प्रकाशित की गई और प्रशासनिक अधिकारियों से इस बारे में जानकारी ली गई तो उन्होंने बस यह कहकर पल्ला झाड़ा कि ऐसा नहीं है उसके लिए नदी और नहर के किनारे अस्थाई तालाब बनाया गया है। इसके अलावा वहां पर पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं ताकि कोई भक्त नदी या नहर में मूर्ति विसर्जित ना करें, लेकिन पत्रिका ने 2 दिन पहले प्रमुखता से इस खबर को दिखाया था और उस खबर से अधिकारियों को भी अवगत कराया गया था। जिसमें साफतौर पर भक्त मुरादनगर स्थित छोटा हरिद्वार कही जाने वाली गंग नहर में मूर्ति विसर्जित करते हुए अधिकारियों को दिखाया गया था।
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पत्रिका द्वारा दिखाई गई खबर का असर कुछ इस तरह हुआ कि यदि मुरादनगर गंगनहर की बात कही जाए तो वहां पर करीब 80 पुलिसकर्मी और हिंडन नदी पर करीब 50 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं और नहर पर मूर्ति विसर्जित करने के लिए मूर्ति या पूजा सामग्री लाने वाले किसी भी भक्तों को अब नहर में विसर्जित नहीं करने दिया जा रहा है।
पांच से बीस हजार रुपये तक है जुर्माना

हिंडन के पानी को दूषित होने से रोकने के लिए पांच से बीस हजार रुपये तक की जुर्माना राशि तय की हुई है। स्वास्थ्य अधिकारी निगम डॉक्टर आर के यादव ने बताया कि एनजीटी की दिल्ली बेंच से दिशा निर्देश है कि हिंडन नदी में पूजन सामग्री, हवन सामग्री, फूल, पॉलीथीन और कूडा कचरा डाला जाना वर्जित है। निगम के अधिकारियों का दावा है कि हर बार इसके उल्लंघन किए जाने पर जुर्माना वसूला जाएगा।
नगर आयुक्त का कहना
नगर आयुक्त सीपी सिंह का कहना है कि एनजीटी के नियमों का पालन सहीं तरीके से कराया जा रहा है। विसर्जन स्थल के आसपास साफ-सफाई के लिए भी दो टीमें लगाई हुई है। सुविधाओं को बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासन से भी सहयोग लिया जा रहा है।
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