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यदि बात की जाए व्यापारियों के व्यापार की तो उनका कहना है कि पिछली बार की दिवाली के मुकाबले इस बार दिवाली का त्योहार उनके लिए बिल्कुल फीका नजर आ रहा है। केंद्र सरकार की ओर से नोटबंदी और उसके तुरंत बाद ही जीएसटी लागू करने के कारण आम आदमी की कमर टूट सी गई है। इसलिए बाजारों में इस बार रौनक जरूर है, लेकिन सोने-चांदी के व्यापार वाले हो या अन्य किसी और सामान के व्यापारी हो सभी इस बार रोते हुए नजर आ रहे हैं।
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गाजियाबाद सराफा एसोसिएशन के संरक्षक राज किशोर गुप्ता ने बताया कि इस बार पिछले साल की दिवाली के मुकाबले 40 फीसदी का ही धंधा रह गया है । उधर अन्य ज्वेलर्स का भी यही कहना है कि हर बार धनतेरस पर उनके यहां ग्राहकों की काफी भीड़ होती थी। लेकिन, इस बार महज पिछले मुकाबले 40 से 50 फीसदी तक ही ग्राहक सामान खरीद रहे हैं।