उबर की तरफ से घोषणा की गई कि उसकी पहले घोषित की गई `उबर एयर` के पायलट प्रोजेक्ट में लॉस एंजिलिस भागीदार होगा। इससे पहले डलास फोर्ट-वर्थ, टेक्सास और दुबई भी इसमें शामिल हो चुके हैं। क्योंकि भारत एक बड़ा और खुला बाजार है। ऐसे में अमरीका में इस सेवा के शुरू हो जाने के बाद भारत में भी इसकी जल्द ही शुरुआत की संभावना है। हालांकि, भारत को लेकर अभी तक कंपनी की ओर से कोई अधिकारिक बयान तो नहीं आया है, लेकिन ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में जिस तरह से तकनीक का हस्तांतरण तेजी से हो रहा है। ऐसे में भारत ज्यादा दिनों तक इस तकनीक से अछूता नहीं रह सकता है।
नासा से हुए करार के तहत दोनों अर्बन एयर मोबिलिटी सर्विस देने के लिए मॉडल तैयार करेंगे। नासा ने उबर एविएशन प्रोग्राम के बारे में कहा कि डालास फोर्ट वर्थ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इन उड़न टैक्सी की टेस्टिंग की जाएगी। उबर और नासा का उद्देश्य अगले दो साल में मैनुअली उड़ने वाली टैक्सी और इसके बाद अगले 10 सालों के भीतर मानवरहित उड़ने वाली टैक्सी तैयार करना है। शुरुआत में उड़ने वाले कैब में चार लोगों के बैठने की जगह होगी। हवा में उड़ सकने वाली इन कैब में सामान की डिलिवरी करने वाले ड्रोन भी शामिल किया जाएगा। कंपनी ने कहा है कि फिलहाल ये प्रोजेक्ट शुरू किया गया है और काम जारी है। इसका कमसद ट्रैफिक से अलग समय की बचत करना और एक कारपूल नेटवर्क बनाना है। इसकी मदद से लोग कम समय में अपने डेस्टिनेशन तक पहुंच सकेंगे।