गाज़ियाबाद

UP POLICE की बड़ी लापरवाही, सूटकेस में जिस महिला का मिला था शव, वह निकली जीवित

Highlights:
-गाजियाबाद और बुलंदशहर पुलिस की लापरवाही
-पुलिस ने तीन लोगों को हत्या के आरोप में भेजा था जेल
-महिला के परिजनों ने की थी गलत शिनाख्त

गाज़ियाबादAug 04, 2020 / 02:39 pm

Rahul Chauhan

police

गाजियाबाद। यूपी पुलिस का एक और कारनामा सामने आया है। जिसमें दो जनपदों की पुलिस ने सूटकेस में मिली लाश की गलत शिनाख्त कर तीन बेगुनाहों को जेल में डाल दिया। मामले में दोनों जनपदों की पुलिस ने जमकर वाहवाही लूटी थी। हालांकि इसका खुलासा उस समय हुआ जब वह महिला जिंदा मिली, जिसके शव की शिनाख्त कर पुलिस ने उसके ससुराल केे तीन लोगों को जेल भेज दिया।
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दरअसल, थाना साहिबाबाद इलाके में 27 जुलाई की सुबह सूटकेस में बन्द एक नवविवाहिता की लाश मिली थी। पुलिस ने शव की पहचान बरीशा केे रूप में की। जिसकी शादी बुलंदशहर हुई थी। शिनाख्त के बाद उसके परिजनों को भी सूचित किया गया और परिजनों के द्वारा भी बताया गया कि सूटकेस में मिली लाश बरीशा की है। पुलिस को बरिशा के भाई और मां-बाप ने बताया कि उसकी शादी 1 जून 2020 को बुलंदशहर में हुई थी और उसे लगातार दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था और अब उसकी ससुराल वालों ने ही बरीशा की हत्या कर उसके शव को यहां ठिकाने लगाया है।
जिसके आधार पर पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव बरीशा के परिजनों को सौंप दिया। जिन्होंने शव को दफना भी दिया और यह पूरा मामला बुलंदशहर में दर्ज था। इसलिए पूरे मामले को बुलंदशहर ही ट्रांसफर कर दिया गया। बड़ी बात यह है कि बुलंदशहर पुलिस द्वारा भी बरीशा के पति सास और ससुर को शव की शिनाख्त किए जाने के बाद उन्हें सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है। लेकिन 3 अगस्त को बरीशा अलीगढ़ से जीवित बरामद किया।जैसे ही गाजियाबाद पुलिस को यह जानकारी मिली तो पुलिस के होश उड़ गए और आनन-फानन में बुलंदशहर पुलिस से संपर्क किया गया। हालांकि गाजियाबाद पुलिस ने शव के पोस्टमार्टम के बाद उसका डीएनए पर पिरजर्व किया हुआ है।
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गाजियाबाद के एसपी सिटी मनीष कुमार मिश्रा ने बताया कि 27 जुलाई को सुबह थाना साहिबाबाद इलाके में सूटकेस में बंद जो शव बरामद हुआ था। अलीगढ़ के रहने वाली बरीशा जिसकी ससुराल बुलंदशहर में थी, उसके परिजनों के द्वारा बरीशा के रूप में ही पहचान की गई थी। जिसके शव को कानूनी कार्रवाई के तहत उसके परिजनों को सौंप दिया गया था और यह पूरा मामला बुलंदशहर थाने में दर्ज था।इसलिए पूरी जांच बुलंदशहर पुलिस को ही सौंप दी गई थी। क्योंकि वहां पर दहेज उत्पीड़न का मामला पहले से ही दर्ज हो रखा था।लेकिन अब बुलंदशहर के विवेचक के द्वारा जानकारी प्राप्त हुई है कि जो शव थाना साहिबाबाद इलाके में सूटकेस में बंद मिली थी वह बरीशा का नहीं था। क्योंकि बरीशा जिंदा है और अलीगढ़ में ही छिपकर रही है।
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