scriptमुलायम सिंह के इस करीबी नेता के बीजेपी में जाने से डूबी उपचुनाव में भाजपा की लुटिया! | Nresh Agrwal becomes unholy for BJP, looses all seats in UP- Bihar | Patrika News
गाज़ियाबाद

मुलायम सिंह के इस करीबी नेता के बीजेपी में जाने से डूबी उपचुनाव में भाजपा की लुटिया!

इस जिले में भी भाजपा को नहीं मिलेगा कोई भी फायदा

गाज़ियाबादMar 14, 2018 / 04:57 pm

Iftekhar

Mulayam singh Yadav

गाजियाबाद. समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता एवं राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल का समाजवादी पार्टी से मोह भंग होने के बाद उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया। लेकिन ऐसा लगता है कि उनका भाजपा में आना शुभ नहीं है। राम से लेकर विष्णु और गौ माता तक के खिलाफ सड़क से लेकर संसद तक बयान देने वाले इस नेता के पार्टी में कदम रखते ही बीजेपी की लुटिया डूबती नजर आ रही है। अग्रवाल के पार्टी में आने के बाद एक के बाद एक जीत दर्ज करने वाले वाली भाजपा ने तीन लोकसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई। इसके के साथ ही राजनीति गलियारे में इस तरह की चर्चा भी जोर पकड़ने लगी है कि नरेश अग्रवाल भाजपा के लिए भस्मासुर साबित होंगे। दरएसल, असल नरेश अग्रवाल की जैसी छवि रही है। और जिस तरह की बयान बाजी वे करते आ रहै हैं, इससे भाजपा के कार्यकर्ता भी ज्यादा खुश नहीं हैं। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि राजनीतिक तौर पर भी नरेश अग्रवाल के भाजपा में आने के बाद भी भाजपा को कोई कास लोभ नहीं मिलने वाला है। क्योंकि जिस वैश्य समाज से नरेश अग्रवाल आते हैं वह पहले से ही भाजपा के वोटर माने जाते हैं।

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यही वजह है कि खुद उन्ही के समाज के लोग उनके भाजपा में आने को ज्यादा तवज्जों देते नजर नहीं आ रहे हैं। इस संबंध में पत्रिका संवाददाता ने जब गाजियाबाद में वैश्य समाज के अन्य पार्टियों के नेताओं से उनकी प्रतिक्रिया ली तो ज्यादातर लोगों ने कहा कि भले ही नरेश अग्रवाल समाजवादी पार्टी छोड़ कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा है। लेकिन इससे आने वाले 2019 के चुनाव में कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला है।

नरेश अग्रवाल द्वारा भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करने के बाद से गाजियाबाद की राजनीति में 2019 में क्या वैश्य समाज पर इसका कोई फर्क पड़ने वाला है या नहीं नहीं। इस पर वैश्य समाज के कुछ लोग जो समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए थे वह नरेश अग्रवाल के आने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे या नहीं । इसकी पूरी जानकारी करने के लिए हमने वैश्य समाज के कुछ लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि किसी नेता के पार्टी बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ता है, जिस मतदाता को जहां अपना मत देना होता है। वह पहले से ही अपना मन बनाए हुए होता है। गाजियाबाद के चौपला मंदिर पर हमने तमाम वैश्य समाज से संबंध रखने वाले दुकानदारों से भी प्रतिक्रिया ली तो उन्होंने बताया कि गाजियाबाद का वैश्य समाज करीब 80 परसेंट भारतीय जनता पार्टी से संबंध रखता है। इसके अलावा 10 परसेंट समाजवादी पार्टी और 10 परसेंट कांग्रेस पार्टी से संबंध रखता है। भले ही नरेश अग्रवाल भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं। लेकिन गाजियाबाद की राजनीति पर इसका कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला है।

इसके अलावा हमने कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता एवं पूर्व सांसद सुरेंद्र कुमार गोयल जो कि वैश्य समाज के हैं उनसे भी इस बारे में प्रतिक्रिया ली तो उन्होंने बताया कि कोई भी नेता अपना हित देखते हुए पार्टी बदल कर दूसरी पार्टी में जाता है ।उन्होंने कहा कि वही नरेश अग्रवाल है। जिन्होंने संसद में भी राम और हनुमान के बारे में तीखी टिप्पणी की थी और आज वह खुद भाजपा में शामिल होकर राम और हनुमान का गुणगान करना पसंद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नेता किसी भी समाज का हो यदि वह पार्टी बदल कर दूसरी पार्टी का दामन थामता है। तो उससे आने वाले चुनावों पर कोई खास फर्क नहीं दिखाई देता।

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इसके अलावा हमने भारतीय जनता पार्टी के नेता मयंक गोयल से भी इस बारे में उनकी प्रतिक्रिया ली तो उन्होंने बताया कि भारतीय जनता पार्टी लगातार कद बढ़ता जा रहा है ।चारों तरफ लोग भारतीय जनता पार्टी द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की जा रही है और सभी को यह दिखाई देने लगा है कि आने वाले 2019 के चुनावों में मोदी जी की जो लहर 2014 के चुनावों में रही थी उससे कहीं ज्यादा 2019 के चुनावों में रहने वाली है और 2019 में बसपा और सपा का जनाधार पहले से ज्यादा नीचे जाने वाला है इसलिए सभी नेता अपना वजूद बनाए रखना चाहता है उन्होंने कहा कि नरेश अग्रवाल उन्हें पार्टी ज्वाइन की है इसका कुछ ना कुछ असर पार्टी पर जरूर पड़ेगा क्योंकि आम लोग भी इस बात को सोचने को मजबूर होते हैं कि जब नेता भी एक पार्टी बदल कर दूसरी पार्टी की तरफ जा रहे हैं तो निश्चित तौर पर वह पार्टी अपने आप में सर्वोपरि है।

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उधर वैश्य समाज से ही समाजवादी के नेता अभिषेक गर्ग से भी इस बारे में प्रतिक्रिया ली तो उन्होंने बताया कि हर आदमी स्वतंत्र है जिसे जो अच्छा लगता है। वह करता है। नरेश अग्रवाल जी को यह अच्छा लगा तो उन्होंने यह कदम उठा लिया है। लेकिन जहां तक सवाल समाज के लोगों का है। इनके पार्टी बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है ।जो शख्स जहां जुड़ा हुआ है वहीं जुड़ा रहता है। बहराल यहां वैश्य समाज के लोगों से बात करने के बाद यह साफ हो गया कि नरेश अग्रवाल के भारतीय जनता पार्टी में आगमन पर गाजियाबाद की राजनीति में कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला है।

 

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