यह भी पढ़ें
प्रोपर्टी की कीमत से कई गुना लोन लेकर बैंक को लगाया 100 करोड़ का चूना, जानिए पूरा मामला
इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए एस पी द्वितीय ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि जिले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आदेश पर धोखाधड़ी करने वाले अभियुक्तों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत थाना इंदिरापुरम पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने राहुल पुत्र मंगल सिंह, घनश्याम पुत्र हरि विलास, धर्मेंद्र पुत्र राम अवतार समेत 3 शातिर अभियुक्तों को खोड़ा अंडरपास के नजदीक से गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से पुलिस ने 14 मोबाइल, 23 एटीएम, एक स्विफ्ट कार, 6 पैन कार्ड, 5 आधार कार्ड, 9 चेक बुक, 8 पास बुक के अलावा दो मोहर भी बरामद की हैं। उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान तीनों अभियुक्तों ने बताया कि 2012 से फर्जी नाम से सिम खरीद कर बैंक खाता खुलवा कर और इंटरनेट के माध्यम से सरकारी रिटायर कर्मचारियों या अधिकारियों का डाटा प्राप्त कर फर्जी नंबरों से कॉल करते थे और स्वयं को ईपएफ ओ अधिकारी बताकर रिटायर कर्मचारी को ईपीएफ की मेच्योरिटी के नाम पर ठगी किया करते थे। यह लोग ज्यादातर महाराष्ट्र गुजरात में रहने वाले लोगों के साथ ठगी करते थे।
यह भी पढ़ें: अपर मुख्य सचिव रजनीश दुबे के निजी सचिव के सुसाइड नोट में पुलिस प्रताड़ना का आरोप, इंस्पेक्टर निलंबित उन्होंने बताया कि यह लोग बाकायदा तनख्वाह पर लड़कियों और लड़कों को रखते थे। जिनके माध्यम से यह कॉल करवाया करते थे। इन लोगों ने स्वीकार किया है कि अभी तक इनका गैंग लगभग 10 हज़ार लोगों से अरबों रुपए की ठगी कर चुका है। जिसकी गहन जांच की जा रही है। इन सभी अभियुक्तों के खाते फ्रीज कर दिए गए हैं और इनकी पूरी आपराधिक कुंडली खंगाली जा रही है।