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नोएडा में घर बनाने का सपना होगा महंगा, जानें कितनी बढ़ रहीं कीमतें मोहम्मद गोरी ने कराया था गांव पर हमला जानकारी के मुताबिक, सुराना गांव के लोग रक्षाबंधन के दिन को अपशगुन का दिन मानते हैं। इसकी वजह ये है कि यहां छाबड़िया गोत्र के चंद्रवंशी अहीर क्षत्रियों का बसेरा है। छाबड़िया गोत्र के अहिरों ने राजस्थान के अलवर से निकलकर गाजियाबाद के मुरादनुगर में सुराना गांव की स्थापना की थी। सुराना नाम से पहले गांव को सोनगढ़ के नाम से जाना जाता था। कहा जाता है कि गांव में सैकड़ों साल पहले राजस्थान से आए पृथ्वीराज चौहान के वंशज सोन सिंह ने हिंडन नदी के किनारे अपना ठिकाना बसाया था। इसके बाद मोहम्मद गोरी ने रक्षाबंधन वाले दिन ही पूरे गांव की जनता पर हाथियों से हमला करवा दिया था।
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अब मकान में दुकान चलाने पर देना होगा अलग टैक्स, गाजियाबाद नगर निगम ने शुरू की तैयारी रक्षाबंधन मनाने पर हुई थी गांव में मौत मोहम्मद गोरी की तरफ से कराए गए इस हमले में पूरे गांव के हाथियों के पैर के तले कुचले गए थे। देखते ही देखते एक पल में पूरा गांव मौत के मुंह में समा गया था। उसी दिन से सुराना गांव के लोग रक्षाबंधन के दिन को काला दिवस मानने लगे और राखी बांधने से दूर हो गए। हालांकि गांव के बड़े-बुजुर्ग इस त्योहार को नहीं मनाते, नई पीढ़ी को समझाते भी हैं, लेकिन कुछ युवा पीढ़ी के द्वारा इस परंपरा को तोड़कर रक्षाबंधन मनाने की कोशिश की गई थी। जिसके बाद एक परिवार में किसी की मृत्यु हो गई तो दूसरे परिवार में अचानक परिवार वासियों की तबीयत खराब होने लगी। वहीं गांव के ग्रामीणों का कहना है कि इस दिन को श्राप लगा हुआ है। इसलिए रक्षाबंधन का त्योहार मनाने पर समस्याएं खड़ी हो जाती हैं।