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, मना करने पर…’ थाना बाबूगढ़ के गांव गजालपुर के लोगों को पांच साल पूर्व जिला मुख्यालय हापुड़ आने के लिए खुद 70 हजार का चंदा एकत्र कर काली नदी पर लकड़ी का झूला पुल बनवाने के लिए मजबूर होना पड़ा था। आज लकड़ी का ये झूला पुल टूट चुका है। जिसके चलते करीब आधा दर्जन गांवों के लोगों को जल्दी जिला मुख्यालय जाने के लिए इस मौत के पुल से जाना पड़ रहा है। किसान और स्कूली छात्र भी अब टूटे पुल के सहारे ही काली नदी को पार करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इसके अलावा वाहन से शहर जाने के लिए विगास के रास्ते बाबूगढ़ कस्बे से होकर ग्रामीण, स्कूली बच्चों को 12 किलोमीटर का ज्यादा सफर करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। यह भी पढ़ें
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ग्रामीणों का कहना है कि इस काली नदी पर पुल बनाने के लिए वह सिंचाई विभाग, जिला पंचायत, ग्राम पंचायत तथा पीडब्ल्यूडी विभाग से फरयाद लगा चुके हैं। लेकिन कोई भी विभाग काली नदी पर पुल बनाने के लिए तैयार नहीं है। लोगों का कहना है कि जब क्षेत्र के बीजेपी सांसद से पुल बनवाने की बात की गई तो उन्होंने भी गांव को बॉर्डर पर बता मामले से पल्ला झाड़ लिया। वहीं कुछ किसानों ने अपना दर्द बताया कि हमारे खेत काली नदी के दूसरी तरफ हैं। पुल टूटने के कारण खेत पर आने-जाने के लिए 12 किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ रहा है। यह भी पढ़ें