गाजीपुर. उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के गठबंधन के बाद भारतीय जनता पार्टी को आने वाले 2019 के लोकसभा चुनाव में तगड़ी टक्कर मिलेगी। 2014 की मोदी लहर में अलग-अलग लड़ने वाली दोनों पार्टियों के वोटों को जोड़कर कहा जा रहा है कि यूपी में गठबंधन बड़ी जीत हासिल कर सकता है। इस बीच गठबंधन के बाद धीरे-धीरे सूत्रों के हवाले से ये खबरें भी आने लगी हैं कि कौन सी सीट किस के खाते में जाएगी और वहां से किसे मैदान में उतारा जाएगा। सबसे ज्यादा चर्चा वीवीआईपी सीट की है। सूत्रों से आ रही खबरों के मुताबिक यूपी में बीजेपी के लिये अति महत्वपूर्ण गाजीपुर की सीट पर गठबंधन की ओर से बसपा के टिकट पर बाहुबली मुख्तार अंसारी के भाई और पूर्व सांसद अफजाल अंसारी मोदी सरकार के मंत्री व गाजीपुर सांसद मनोज सिन्हा के खिलाफ मैदान में उतर सकते हैं। गाजीपुर सीट पर सबसे अधिक वोट पाकर जीतने का रिकॉर्ड अफजाल अंसारी के पास ही है। 2004 के चुनाव में उन्होंने बीजेपी के मनोज सिन्हा को 2 लाख 26 हजार से अधिक वोटों से हराया था।
गठबंधन होते ही इस सीट पर अफजाल अंसारी को टिकट मिलने की खबरें सोशल मीडिया पर चलने लगीं। गाजीपुर की सियासत के जानकारों की माने तो बसपा नेता पहले से ही अंदर-अंदर इस बात के लिये आश्वस्त थे कि गठबंधन होने पर यह सीट उनके खाते में आ सकती है। फिलहाल टिकट के लिये जिले में अफजाल अंसारी से बड़ा नाम भी कोई नहीं। पूर्व बसपा जिलाध्यक्ष व वर्तमान क्षेत्र पंचायत सदस्य सुभाष राम ने भी कहा कि अगर गाजीपुर सीट बसपा के खाते में आती है तो अफजाल अंसारी से अलावा कौन प्रत्याशी हो सकता है। हालांकि साथ ही यह भी जोड़ा कि यह निर्णय दोनों पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्षों को करना है। जो भी निर्णय आएगा वही हम मानेंगे और गठबंधन के प्रत्याशी को जिताने का काम करेंगे।
आखिर क्यों हैं अफजाल अंसारी सबसे बड़े दावेदार अफजाल अंसारी गाजीपुर सीट के सबसे बड़े दावेदार क्यों हैं यह बात पिछले चुनावों के आंकड़ों पर गौर करें तो साफ हो जाती है। मनोज सिन्हा बीजेपी के टिकट पर गाजीपुर से 1996 और 1999 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की। पर 2004 में उनका मुकाबले में समाजवादी पार्टी ने अफआल अंसारी को खड़ा किया। इस चुनाव में अफजाल ने रिकॉर्ड 4 लाख 15 हजार 687 वोट पाकर मनोज सिन्हा को दो लाख 26 हजार 777 वोटों से हरा दिया था। सिन्हा को एक लाख 88 हजार 910 वोट मिले। 2009 में अफजाल अंसारी बसपा के टिकट पर लड़े और तीन लाख नौ हजार 924 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे। 2009 में सपा के राधेमोहन सिंह तीन लाख 79 हजार 233 वोट पाकर जीते। 2009 में बीजेपी से प्रभुनाथ लड़े जिन्हें महज 21679 वोट ही मिले। 2014 में अफजाल अंसारी गाजीपुर छोड़कर बलिया से लड़े। इस बार बीजेपी के मनोज सिन्हा मोदी लहर में तीन लाख छह हजार 929 वोट पाकर जीत गए। पर इस चुनाव में सपा की शिवकन्या कुशवाहा दो लख 74 हजार 477 वोट पाकर दूसरे और बसपा के कैलाशनाथ सिंह यादव दो लाख 41 हजार 645 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे।
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