उन्होंने कहा कि पिछले दिनों राम मंदिर पर पंचायत को लेकर कई ग्रुप और धर्मगुरु आगे आए समाधान का प्रयास किया लेकिन सब विफल रहे हो। भारत में लोकतंत्र है और संविधान है सर्वसम्मति से फैसला हो चुका है और उसे स्वीकार करना देश के हित में है, पिछले कई साल से जो नफरत फैली है उसे बुझा देने का भी साधन है जो रीट पिटिशन में जाने की बात कर रहे हैं, वह भविष्यवक्ता नहीं है लेकिन कुछ हासिल होने नहीं है फैसले को स्वीकार करना ही उचित है, कोर्ट ने जो कहा है उसे मान लेना चाहिए।
वहीं ओवैसी पर बोलते हुए कहा की उन्हें सुझाव कहां से मिलता है, पूरी दुनिया जानती है इसके साथ ही महाराष्ट्र में उठापटक के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि इसको हम मास्टर स्ट्रोक कहते हैं कि उनके पाले के खिलाड़ी को अपने पाले में कर लेना, जनता इसके बारे में जरूर सोचे कि वह कहां है और जमात कहां है।
BY- ALOK TRIPATHI