script#IndependenceDay2019: 15 साल की उम्र में रामनगीना राय ने अंग्रेजों से लिया था लोहा, आज भी दिखता है देशभक्ति का जज्बा | Freedom fighter Ramnagina rai untold story on independence Day | Patrika News
गाजीपुर

#IndependenceDay2019: 15 साल की उम्र में रामनगीना राय ने अंग्रेजों से लिया था लोहा, आज भी दिखता है देशभक्ति का जज्बा

भारत माता के ये महान सपूत आज हम सब के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।

गाजीपुरAug 15, 2019 / 04:57 pm

Akhilesh Tripathi

Freedom fighter Ramnagina rai

स्वतंत्रता सेनानी रामनगीना राय

गाजीपुर. हमारा देश आज आजादी की 73वीं वर्षगांठ बना रहा है। आजादी की इस लड़ाई में देश के कई सपूतों ने अपना सब कुछ न्यौयछावर कर दिया । स्वतंत्रता के आन्दोलन में समाज के हर तबके और देश के हर भाग के लोगों ने हिस्सा लिया। भारत माता के ये महान सपूत आज हम सब के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। इनकी जीवन गाथा हम सभी को इनके संघर्षों की बार-बार याद दिलाती है और प्रेरणा देती है। जिन्होंने कठोर और दमनकारी ‘अंग्रेजी हुकूमत’ से लड़कर देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गाजीपुर जिले के इकलौते बचे स्वतंत्रा सेनानी राम नगीना राय भी उन्हीं में से एक हैं ।
स्वतंत्रा सेनानी राम नगीना राय गाजीपुर जिले के सुहवल थाना इलाके के डेढ़गांवा गांव के रहने वाले है। डेढ़गांवा गांव अपने आप में एक ऐतिहासिक है, इस गांव में राम नगीना राय को लेकर कुल 15 स्वतंत्रता सेनानी थे। 28 जनवरी 1931 को डेढ़गांवा गांव में राम नगीना राय का जन्म हुआ, राम नगीना राय की शुरूआती शिक्षा गांव के ही प्राथमिक विद्यालय से हुई है। राम नगीना राय एम.ए. बीएड की शिक्षा प्राप्त कर कोलकाता के एक स्कूल में शिक्षक की रूप में अपनी सेवा भी दे चुके है। राम नगीना राय 15 साल की उम्र में ही अग्रेजों की गुलामी से देश को आजाद कराने के लिए कूद पड़े थे।
पत्रिका से खास बातचीत के दौरान रामनगीना राय ने बताया कि 15 साल की उम्र में जेल में बंद था। उन्होंने बताया कि कांग्रेस को 26 जनवरी मनाना था और एक भी आदमी नहीं मिल रहा था। नतीजा यह हुआ कि मुझे और डेढ गांवा गांव के परसुराम राय को आर्डर हुआ था कि रात भर में इस सड़क पर पंपलेट लगाना है, उस दौरान सुहवल में अग्रेजी हुकुमत के कलेक्टर का पड़ाव था और हम दोनों लोग रात भर में अपने गांव से लेकर कलक्टर के टेंट में पंपलेट लगा दिया। जब सुबह हुई तो पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया और तत्कालीन कलक्टर ने थाना गहमर और थाना दिलदारनगर को आदेश दिया था कि जिसने भी इसे किया है, इसको जल्द से जल्द गिरफ्तार करों। और हम लोग भी जानते थे कि पुलिस आएगी और गिरफ्तार तो करेगी लेकिन पुलिस नहीं आई। उसके बाद अकस्मात एक दिन मेरे गांव में पुलिस और सीआईडी का जमावड़ा हुआ और सीआईडी ने मेरी तरफ इशारा किया कि ये राम नगीना राय हैं, इनको पकड़ा जाये, उस समय परसुराम राय आउट ऑफ स्टेशन थे, मै पकड़ा गया मै गिरफ्तार हुआ मेरे घर की तलाशी हुई।
उन्होंने बताया कि उस दौरान मेरे घर में डाईनामाईट का बक्सा रखा हुआ था, लेकिन मेरी मां ने पटनी पर रखे डाइनामाईट के बक्से को इशारा करने पर भूसे में रख दिया। पुलिस ने तीन घंटे तक मेरे घर की तलाशी ली, लेकिन कुछ मिला नहीं और मुझे पकड़ कर जेल में बंद कर दिया गया। चार महीने मेरा ट्रायल हुआ उसके बाद एक साल की सजा हो गई। उम्र के इस पड़ाव में भी रामनगीना राय के अंदर देशभक्ति का जज्बा भरा है।
BY- ALOK TRIPATHI

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