इससे पहले मुख्तार को मिट्टी देने के लिए गाजीपुर के मोहम्मदाबाद में भारी भीड़ उमड़ी। मुख्तार अंसारी के धर से युसुफपुर के कालीबाग तक सड़कों पर लोगों का मजमा लगा रहा। भीड़ को संभालने के लिए यूपी पुलिस समेत अन्य सुरक्षा बलों को भी लगाया। गाजीपुर के जिलाधिकारी आर्यका अखौरी, पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह भी खुद मौके पर मौजूद रहे।
मुख्तार अंसारी का बड़ा बेटा अब्बास अंसारी उसका ज्यादा करीबी था। वह पिता के दिखाए हुए अपराध के रास्ते पर चल पड़ा था। लेकिन आखिरी मौके पर वो अपने बाप को मिट्टी भी नहीं दे पाया। वह भी अलग-अलग मामलों में बागपत जेल में बंद है। उसकी मां यानी मुख्तार की पत्नी भी कई मामलों में आरोपित है और फरार है। उसके ऊपर 75 हजार रुपए का इनाम है। वह भी अपने शौहर के जनाजे में नहीं शामिल हुई। अब्बास की पत्नी यानी मुख्तार की बहू निखत अंसारी जमानत पर बाहर हैं लेकिन जनाजे की सामने आई किसी तस्वीर में उन्हें नहीं देखा गया। हालांकि वह आईं या नहीं इसकी पुष्टि नहीं हो पाई।
मुख्तार अंसारी का बेटा उमर अपने घर पर लोगों से बात करते हुए रो पड़ा। दरअसल, वह अपने पिता के जनाजे के बारे में लोगों को बता रहा था कि कब दफनाया जाएगा। घर पर मौजूद लोगों से प्रार्थना करने की बात करते हुए वह भावुक हो उठा। हालांकि उसने जनाजा उठने के पहले अपने अब्बू के मूंछों को ताव दिया। क्योंकि मुख्तार हमेशा अपनी मूंछों को ताव देता था।