दलितों पिछड़ो को आगे लाने का प्रयास पहले से ही किया गया पांडेय ने कहा कि 1947 में जब संविधान सभा का गठन किया गया था और 1950 में संविधान लिखा गया। उस दौरान संविधान सभा में 70 फीसदी सवर्ण ही थे। उन लोगों ने देश में दलितों को पीछड़ों को आगे लाने के लिए संविधान में कई प्रावधान किए। ताकि गैर बराबरी मिट सके। इतना ही नहीं उन्होने कहा कि संविधान में सवर्णों ने ही दलितों के आरक्षण और सुरक्षा सुरक्षित किया है। वहीं इस नाराजगी को लेकर कहा कि पार्टी में इस इस विरोध प्रदर्शन को लेकर किसी तरह का तनाव नहीं है।
मायावती का दोहरा चरित्रमायावती द्वारा एससी-एसटी एक्ट को भाजपा को चुनावी लाभ लेने के सवाल पर उन्होने कहा कि मायावती हमेश दोहरे चरित्र की बात करती हैं। 1997 में कल्याण सिंह के द्वारा इस एक्ट के खिलाफ एक सर्कुलर जारी किया था गया था तो मायावती जी ने उस दौरान सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था और अब जब सरकार दलितों की सुरक्षा की बात कर रही है तो मायावती अपने बदल गई हैं।
बाजवा की औकात नहीं पाकिस्तान के आर्मी चीफ कर्नल बाजवा के बयान ‘सीमा पर जितने सैनिक शहीद हुए है उसका बदला लिया जाएगा’ के सवाल पर पांडेय ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के लोग भी जानते है कि बाजवा कैसा है। इसलिए उनकी बातों को गंभीरता से लिये जाने की जरूरत नहीं है।
सिद्दू ने गिराया सेना का मनोबल वही कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान के आर्मी चीफ से गले मिलने के सवाल पर उन्होने कहा कि सिद्दू ने देश के सैनिकों का मनोबल गिराया है। ये सिद्धू का निंदनीय कार्य है वो आज तक क्षमा भी नहीं मांगा । वहीं पांडेय ने कहा कि कांग्रेस को अपने पार्टी से सिद्दू को बाहर निकालना चाहिए। जो देश विरोधी काम करें उन्हे किसी भी राजनीतिक पार्टी में रहने का कोई हक नहीं है।