पत्रिका संवाददाता ने जब बिजली के बदहाल व्यवस्था की पड़ताल की तो उमस भरी गर्मी और बंद पड़े पंखे के नीचे किताबों से जूझते बच्चे प्रदेश सरकार के 24 घंटे बिजली देने के दावों की जमीनी हकीकत बयां करने के लिए काफी थे। संजय अपने बच्चों के साथ दोपहर में अपने बरामदें में बैठने को मजबूर दिखे। बच्चे अपने अर्धवार्षिक परीक्षा की तैयारियों को लेकर परेशान थे। पर बिजली परेशानी बढ़ाये ही जा रही।
कुछ दिन पहले जिले के दौरे पर पहुंचे गाजीपुर के प्रभारी मंत्री ब्रजेश पाठक व मनोज सिन्हा ने दावा किया था कि गाजीपुर में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जाएगी। इतना ही नहीं इनका कहना को यह भी था कि इस बाबत राज्य के विद्युत मंत्री से आश्वासन भी मिला है।पर ऐसे आश्वासन का जनता को क्या फायदा जो पूरा न किया जा सके।
आश्वासन और वादों के बीच गाजीपुर की जनता को कितने घंटे बिजली मयस्सर होगी यह अपने आप में एक बड़ा प्रश्न है। जहां एक तरफ राज्य सरकार के गढ्ढा मुक्त सड़कों के अभियान की पहले ही खासी किरकिरी हो चुकी है ऐसे में पॉवर फॉर ऑल जैसे योजनाओँ को लागू करने की राह में कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ेगा। आगे चाहे जो हो पर छह माही की योगी सरकार में बिलजी सप्लाई ने जनता को काफी दर्द दिया है।