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गिरिडीह

होली से पहले इन परिवारों में लौट आई खुशियां

होली से ठीक पहले गिरिडीह और आस-पास के इलाकों के कुछ परिवारों में खुशियां लौट ( Happiness return before holi ) आई हैं। इस खुशी की वजह है ओमान में फंसे 11 श्रमिकों की सही-सलामत ( Laourers safe return in country ) घर वापसी। ओमान में अभी भी श्रमिक घर की राह देख रहे हैं।

गिरिडीहMar 06, 2020 / 07:22 pm

Yogendra Yogi

होली से पहले इन परिवारों में लौट आई खुशियां

होली से पहले इन परिवारों में लौट आई खुशियां

गिरिडीह: होली से ठीक पहले गिरिडीह और आस-पास के इलाकों के कुछ परिवारों में खुशियां लौट ( Happiness return before holi ) आई हैं। इस खुशी की वजह है ओमान में फंसे 11 श्रमिकों की सही-सलामत ( Laourers safe return in country ) घर वापसी। ओमान में अभी भी श्रमिक घर की राह देख रहे हैं। प्रवासी मजदूरों के हित के लिए काम कर रहे सिकंदर अली ने बताया कि ओमान में फंसे मजदूरों में 11 की वापसी हुई है। इसमें आठ मजदूर बगोदर के विभिन्न गांवों के हैं। मजदूरों की टोली ओमान से जब रांची पहुंची और यहां अपने-अपने गांवों के लिए रवाना हुई।

ओमान से लौटे 11 श्रमिक
ओमान से सुरक्षित आए श्रमिकों में टाटीझरिया प्रखंड के सेवालाल महतो, तुकतुको के निमज़्ल महतो, डुमरडेली के डुमरचंद महतो, बगोदर प्रखंड के माहुरी के खूबलाल पासवान, बेको के चंद्रिका महतो, टेकलाल महतो, प्रदीप महतो, सोहन महतो व बिष्णुगढ़ प्रखंड के उदयपुर के राजेन्द्र प्रसाद महतो, कोडरमा के महेन्द्र सिंह और मुंडरो के सोहनलाल महतो शामिल हैं। उदयपुर के जगदीश महतो, बगोदर प्रखंड के बेको के संतोष कुमार महतो व अजय कुमार महतो, बिष्णुगढ़ प्रखंड के बलकम के रामचंद्र महतो की वतन वापसी होनी है।

इंटक की वापसी की मांग
इंटक के केंद्रीय सचिव राजकिशोर ने सिंह बुधवार को नई दिल्ली पहुंचकर भारतीय दूतावास को मांग पत्र भेजा। पत्र के माध्यम से ओमान में फंसे भारतीय प्रवासी मजदूरों की स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने ओमान में फंसे मजदूरों की वापसी की मांग की। गौरतलब है कि चार दिन पूर्व इंटक नेता राजकिशोर सिंह ने बगोदर पहुंचकर ओमान में फंसे मजदूरों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें हिम्मत बंधाई थी।

एजेंसी के झांसे में फंस गए थे
गिरिडीह, हजारीबाग, बोकारो व कोडरमा जिले के 30 मजदूर एक एजेंसी के जरिए 2017 में ओमान गए थे। मजदूरों ने सोशल मीडिया में वीडियो वायरल कर अपना दुखड़ा को साझा किया था। इसके बाद मजदूरों की वापसी को लेकर झारखंड सरकार ने गंभीरता भी दिखाई थी। श्रमिकों को ना तो वेतन दिया जा रहा था और ना ही इनसे अच्छा व्यवहार किया जा रहा था। विगत करीब सात महीनों से श्रमिकों को वेतन नहीं दिया। इन श्रमिकों की वापसी के लिए उनके परिवार जनों ने ही धन का इंतजाम किया।

सउदी में अब भी फंसे हैं श्रमिक
ओमान में फंसे मजदूरों की सकुशल वापसी के बाद के बाद सउदी में फंसे मजदूरों के परिजनों को उनके वापसी का इंतजार है। बगोदर के माहुरी गांव निवासी अकबर अंसारी एवं इमरान अंसारी एक महीने से अधिक समय से सउदी में फंसे हुए हैं। दोनों को समय पर न तो खाना दिया जाता है और न ही परिजनों से बात करने को दिया जाता है। परिजनों ने सरकार से सउदी में फंसे दोनों मजदूरों की सकुशल वापसी की मांग की है।

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