इंटक के राष्ट्रीय सचिव राजकिशोर सिंह ने बताया कि झारखंड के गिरिडीह जिले सहित अन्य जगहों से 30 मजदूर ठेकेदारों के माध्यम से काम करने टावरलाईन ओमान गए थे। वहां कंपनी द्वारा सभी मजदूरों का पासपोर्ट जब्त कर आठ महीनों तक बंदियों की तरह काम कराया गया। इन्हें वेतन भी नहीं दिया गया जिससे इनकी मुसिबत बढ़ गई। यहां उनके परिजन काफी दुखी थे और अपनों की वतन वापसी के लिए भटक रहे थे। स्थानीय विधायक विनोद सिंह और राजकिशोर सिंह के संयुक्त प्रयासों और भारत सरकार की मदद से इनकी घर वापसी का रास्ता साफ हुआ। मजदूरों ने अपने घरों से किसी तरह 70 से 80 हजार रुपए मंगाकर सकुशल वतन लौटे।