गोंडा

संभावित बाढ़ के खतरे को लेकर प्रशासन की तैयारी पूरी नदी में बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए 24 बाढ़ चौकियां हुई सक्रिय

गोंडा संभावित बाढ़ के खतरे को लेकर प्रशासन ने हर तरह से तैयारियां पूरी कर ली है। नदी में बढ़ रहे जलस्तर को लेकर प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया है। नदी की धारा मोड़ने ड्रेजिंग का कार्य भी 80 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है।

गोंडाJun 30, 2022 / 10:34 pm

Mahendra Tiwari

जिलाधिकारी डॉ उज्जवल कुमार ने बाढ़ के संबंध में प्रशासन द्वारा की गई तैयारियों के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि वैसे तो गोंडा में 4 नदियां हैं। जिनसे बाढ़ आने की संभावना रहती है। इनमें सबसे खतरनाक नदी घाघरा है। जिसमें कर्नलगंज व तरबगंज तहसील के करीब एक सैकड़ा गांव बाढ़ से प्रभावित होते हैं। लोगों को बाढ़ की विभीषिका से बचाने के लिए प्रशासन ने बड़े पैमाने पर तैयारियां की है। नदी का पानी बंधे पर ठोकर ना मारे इसके लिए नदी की धारा मोड़ने के लिए ड्रेजिंग का कार्य लगभग 80 पूरा हो चुका है। जिससे नदी का पानी सीधे बांध से नहीं टकराएगा। नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद घाघरा पूरे उफान पर आ जाती है। पानी सीधे बांध से टकराने लगता है। जिससे इसके कट जाने की प्रबल संभावना बनी रहती है। इस बार प्रशासन द्वारा इसके लिए व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं। नदी को बांध से दूर करने के लिए
डिजेयर मशीन को लगाया गया है। जो नदी की धारा को मोड़ने का रास्ता तैयार कर रहा है। बंधे पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरे दो बार चोरी हो चुके हैं। जिसकी रिपोर्ट दर्ज कराने के साथ-साथ दूसरे सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इन कैमरों के जरिए मुख्यालय से मॉनिटरिंग की जा रही थी।सीसीटीवी कैमरे से गोंडा में ही बैठकर नदियों के घटने बढ़ने स्थित की जानकारी हो जाती है। बाढ़ से बचाव के लिए जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम की स्थापना की गई आसपास के गांव वालों के लिए 334 नाव की व्यवस्था कर दी गई है। तरबगंज में 12 बार चौकी कर्नलगंज में 11 और मनकापुर में एक चौकी की स्थापना की गई है। बाढ़ के लिये कंट्रोल रूम स्थापित कर कंट्रोल रूम का 05262230125 जारी किया गया है।
तरबगंज में 61 तथा कर्नलगंज में 42 गाँव मनकापुर में एक गाँव बाढ़ से प्रभावित होते है। बाढ़ पीड़ितों के लिए रसद की व्यवस्था एवं पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था के लिए टेंडर कर दिया गया है। जिससे बाढ़ पीड़ितों को कोई परेशानी नहीं होगी, बाढ़ के बाद संक्रामक रोगों की बढ़ोतरी होती है। इसके लिए भी पूरी तैयारी करके स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया है। इस बार महिलाओं के सुरक्षा के लिए अलग से डिग्निटी किट की व्यवस्था की गयी है।

आकाशीय विद्युत से बचने के लिए डाउनलोड करें दामिनी ऐप

जिलाधिकारी ने बताया कि बिजली गिरने से कोई हताहत ना हो और इसकी पूर्व से ही जानकारी हो जाए इसके लिए सभी आम लोग दामिनी आपका प्रयोग करें, दामिनी एप पर विद्युत गिरने की पहले से ही जानकारी हो जाती है इसमें बचाव और सुरक्षा के उपाय भी बताए गए हैं आम व्यक्ति दामिनी ऐप डाउनलोड करके बचाव एवं सुरक्षा से जागरूक हो जाए।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.