कैमरे पर झपट पड़े डॉक्टर साहब शनिवार को जिला अस्पताल में मीडिया की टीम रियलिटी चेक करने पहुंची तो देखा कि शव वाहन अपने स्थान पर नहीं रहता। जिसके संबंध में अस्पताल सूत्रों ने बताया कि वाहन पीछे खड़ा किया जाता है जिससे लोग उसका उपयोग न कर सकें। पार्किंग स्थल पर एम्बुलेंस न खड़ी होकर वहां पर प्राइवेट वाहन खड़े किये जाते हैं। वहीं चिकित्सक डी.एन. सिंह के कमरे में मरीज को देखते हुए जब फोटो खींचा गया तो डॉक्टर साहब इतना भड़क गये कि कुर्सी से उठाकर कैमरे पर हाथ मारने लगे। बात सीएमएस तक पहुंची तो प्रभारी सीएमएस एके जयसवाल ने कहा कि डॉक्टर का यह व्यवहार ठीक नही हैं। डॉक्टर पर लगे इन आपोरों की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
घर पर देखते मरीज और करते हैं ऑपरेशन डा. डी.एन. सिंह गोण्डा के ही लालबहादुर शास्त्री महाविद्यालय के पास के रहने वाले हैं और घर पर ही अपना नर्सिंग होम खोल रखा है। रजां पर अस्पताल समय से पहले और बाद में घर पर मरीज देखते है और अस्पताल समय में मौका देखकर फीस लेकर मरीज देखते हैं। प्राइवेट मरीज देखने के संबंध में प्रभारी सीएमएस ने बताया कि ये संविदा के डॉक्टर हैं, इन्हें अस्पताल के बाद और पहले मरीज देखने के लिए छूट है।
ऐसा करना नियम विरुद्ध डा. डी.एन सिंह संविदा के डॉक्टर हैं इसलिए इन्हें घर पर प्राइवेट मरीज देखने की अनुमति है, लेकिन अस्पताल में बैठकर फीस लेकर मरीज देखने और अस्पताल से मरीजों को घर पर भेजने की अनुमति नहीं है। इसकी जांच कराई जाएगी।
क्या कहते हैं मुख्य चिकित्साधिकारी मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एससी श्रीवास्तव ने अस्पताल में फीस लेना और यहां के मरीजों को घर पर बुलाने को गलत बताया। शिकायत में सत्यता मिलने पर संविदा भी समाप्त की जा सकती है।