वर्ष 2011-12 में जनपद के जिलाधिकारी रहे रामबहादुर पईडीह के फरेंदा शुक्ल गांव में अटल जयंती के मौके पर आयोजित सुशासन दिवस व समसरता कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गोंडा पहुंचे थे। रास्ते में जनसमूह ने उनका कई स्थानों पर फूलमालाओं से स्वागत किया। कार्यक्रम में शामिल होने से पहले उन्होंने सिंचाई डाक बंगले में पत्रकारों से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने अपने कार्यकाल में कराए गए विकास कार्यों का सिलसिलेवार ब्योरा रखा। उन्होंने वर्ष 2019 में गोंडा संसदीय सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ने की इच्छा जताई।
उन्होंने कहा कि अगर जिले की जनता मौका देती है तो उनका वादा है कि वह जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे। पत्रकारों ने भी रामबहादुर को कंधे से कंधा मिलाकर चलने का भरोसा दिलाया। इसके पहले जगह जगह पर पूर्व जिलाधिकारी का लोगों ने स्वागत किया और उन्हें फूलमालाओं से लाद दिया। इस स्वागत से पूर्व डीएम अभीभूत नजर आए। उन्होंने ट्राइसाइकिल व गरीबों को कंबल वितरित किया। पूर्व डीएम राम बहादुर बाबा दुखहरणनाथ मंदिर भी गए और भोले बाबा का आर्शिर्वाद लिया।
नेता नहीं,जनसेवक कहिए सिंचाई डाक बंगले में आयोजित पत्रकार वार्ता में श्रमजीवी पत्रकार संगठन के जिलाध्यक्ष कैलाश वर्मा व महामंत्री जानकीशरण द्विवेदी ने पूर्व डीएम का स्वागत किया। स्वागत के बाद अपने संबोधन में जिलाध्यक्ष ने रामबहादुर को नेता कहकर संबोधित किया तो पूर्व डीएम ने कहा कि वह नेता बनने नहीं जनसेवक बनने आए हैं। इसलिए उन्हें नेता नहीं जनसेवक कहा जाए। पूर्व डीएम रामबहादुर के आगमन को लेकर जिले में खासा उत्साह नजर आया। खासकर युवा वर्ग पूर्व डीएम के साथ खड़ा दिखाई दिया। पूरे दिन कार्यक्रम के दौरान उनके साथ सेल्फी लेने की होड़ नजर आई। लोगों ने कहा कि वे ही अगले प्रधानमंत्री होंगे।
लड़ चुके है विधानसभा का चुनाव पूर्व डीएम रामबहादुर सेवानिवृत्ति के बाद से ही राजनीति में सक्रिय हैं। वह 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर मोहनलालगंज से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके है। इस चुनाव मे वह मामूली अंतर से पराजित हो गए थे। हालांकि इसके बाद उन्होने बसपा छोड़ दी थी। अब वह लोकसभा चुनाव मे जिले की संसदीय सीट से अपना भाग्य आजमाना चाहते हैं।