अधिवक्ता रितेश कुमार यादव ने बताया की 3 जुलाई को सोशल मीडिया पर शाम को भारतीय फिल्म मेकर मेनिमे कलाई का एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म का पोस्टर सामने आया है। जिसको देखने पर पोस्टर में मां काली के चित्र को सिगरेट पीते हुए और एक हाथ में त्रिशूल दूसरे में बांका का चित्र हूबहू मां काली का चित्र दर्शाया गया है। इस डॉक्यूमेंट्री फिल्में हिंदू जन भावनाओं को ठेस पहुचाया गया है। क्योंकि मां काली हिंदुओं की पूज्य देवी हैं। करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है। उनको इस तरह से दर्शित करना अपमान व अपराध है। इस पोस्टर को देखकर मेरी भावनाएं आहत हुई हैं। इसलिए फिल्म मेकर सहित पूरी यूनिट के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर पोस्टर से तस्वीर हटाया जाए, जिससे हिंदू जन भावना में उनकी भावनाओं को कोई ठेस ना पहुंचे फिल्म मेकर से सोशल मीडिया पर उनकी इस कृत्य के लिए पूरी यूनिट क्षमा मांगे। नगर कोतवाली के गांव गरीबी पुरवा बूढ़ादेव निवासी रितेश यादव ने नगर कोतवाली में दिए गए प्रार्थना पत्र में कहा है कि सोशल मीडिया पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म के पोस्टर में मां काली का रूप देकर सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है। इसको देखने के बाद हम स्वयं बहुत आहत हुये। हिंदू धार्मिक भावनाओं के साथ इस तरह का खिलवाड़ किया जाना बहुत ही गलत है। पोस्टर से तत्काल इसे हटाया जाए। इस संदर्भ में नगर कोतवाल पंकज सिंह ने बताया की डॉक्यूमेंट्री फिल्म के मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जा रही है। जो भी तथ्य प्रकाश में आते हैं। उस हिसाब से कार्यवाही की जाएगी