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गोण्डा के दोनों लोकसभा सीटों पर क्षत्रियों का रहा अब तक वर्चस्व, अब इन प्रत्याशियों को लड़ाने पर हो रही चर्चा

locationगोंडाPublished: Feb 04, 2019 09:38:12 am

सपा बसपा गठबंधन के बाद गोण्डा जिले के दोनों लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के लड़ने-लड़ाने का चर्चाएं आम बात हो हो गयी है।

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गोण्डा के दोनों लोकसभा सीट पर क्षत्रियों का रहा अब तक वर्चस्व, अब इन प्रत्याशियों को लड़ाने पर हो रही चर्चा की हो रही जोड़ तोड़

गोण्डा. सपा बसपा गठबंधन के बाद गोण्डा जिले के दोनों लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के लड़ने-लड़ाने का चर्चाएं आम बात हो हो गयी है। हालांकि पहले गोण्डा की गोण्डा उत्तरी और गोण्डा पश्चिमी दो लोकसभा सीट हुआ करती थी लेकिन गोण्डा विभाजन के बाद लोकसभा परिसीमन में गोण्डा पश्चिमी श्रावस्ती लोकसभा के नाम से होकर श्रावस्ती और बलरामपुर सीट हो गयी है। वहीं गोण्डा लोकसभा सीट में एक बलरामपुर का विधानसभा शामिल कर 4 गोण्डा और एक बलरामपुर का उतरौला कुल 5 विधानसभा हो गई जबकि गोण्डा के दूसरे लोकसभा कैसरगंज में गोण्डा के तीन और बहराइच के दो विधानसभा मिला कर 5 विधानसभा से बना।

गोण्डा उत्तरी लोकसभा 2009 से पूर्व तक 1952 में चौधरी हुसैन,1962 में रामरतन गुप्ता, 1967 में सुचिता कृपलानी और 2009 में बेनी प्रसाद वर्मा गैर क्षत्रिय 5 सांसद हुए। जबकि गोण्डा पश्चिमी से 1989 में फसीर्रह्मान उर्फ मुन्न खां,1991 में सत्यदेव सिंह,1996 में सत्यदेव सिंह,1998 में रिजवान जहीर, 1999 रिजवान जहीर, 2004 बृजभूषण शरण सिंह गैर ब्राह्मण सांसद रहे है। गोण्डा पश्चिमी परिसीमन के बाद श्रावस्ती बलरामपुर पर 2009 में विनय कुमार द्विवेदी और 2014 में दद्दन मिश्रा सांसद हुए।

पहले ब्राह्मण क्षत्रिय परिसीमन के बाद एक बार छोड़ क्षत्रियों का वर्चस्व गोण्डा सीट पर बना हुआ है और दूसरी सीट कैसरगंज में दूसरी बार बृजभूषण शरण सिंह संसद बने हुए हैं लेकिन इस बार दोनों सीटो में बदलाव की चर्चा जोरों पर होने लगी है। दोनों सीटों में गोण्डा सीट पर कभी पिछड़ी जाति तो कभी ब्राह्मण प्रत्याशी उतारने का कयास लगाया जा रहा है। जबकि गठबन्धन का प्रत्याशी ब्रह्मण को लड़ाने का चर्चा तेज है।

कुबेर कहे जाने वाले कुछ नेता अपने सामने डमी प्रत्याशी को लड़ाने की जोड़ तोड़ शुरू कर दी गयी है। जिससे उसके सामने का प्रत्याशी कमजोर हो और वो आसानी से सीट निकाल सके और मजबूत प्रत्याशी को हटाने के लिये जोड़ तोड़ शुरू कर दिया गया है और ऐसा होने के लिये करोड़ों रूपये एक पार्टी में जमा भी कराने की चर्चा जोरों पर है।

दोनों लोकसभा से कौन कौन प्रत्याशी चुनाव लड़ने का कर रहे जोड़तोड़

दोनो लोकसभा सांसद कीर्तवर्धन सिंह, बृजभूषण शरण सिंह, पूर्व मंत्री विनोद कुमार सिंह, संतोष तिवारी, बैज नाथ दुबे, एपी मिश्रा, पूर्व सांसद बालकुमार पटेल, पूर्व जिलाधिकारी राम बहादुर, ओंकार पटेल, नन्दिता शुक्ला, तरुण पटेल के नामों की चर्चा की जा रही है।

किस किस वर्ष में गोण्डा से कौन कौन थे सांसद

1952 में चौधरी हैदर हुसैन 1957 में दिनेश प्रताप सिंह 1962 में रामरतन गुप्ता 1967 में सुचिता कृपलानी 1971,1980,1984,1989 में कुंवर आनन्द सिंह,1977 में सत्यदेव सिंह,1991,199 में बृजभूषण सिंह,1996 में केतकी सिंह, 1998, 2004, 2014 में कीर्तवर्धन सिंह और 2009 में बनी प्रसाद वर्मा सांसद रहे।

पश्चिमी गोण्डा से 2009 तक कौन कौन रहा सांसद

1952 में नायर शकुंतला,1957, 1967 में अटल बिहारी बाजपेयी, 1962 में सुभद्रा जोशी, 1971,1980 में चंद्रभाल तिवारी,1977 में नानाजी देश मुख,1984 में दीप नरायन महंत, 1989 में फसीऊर रहमान उर्फ मुन्न खाँ, 1991, 1996 में सत्यदेव सिंह, 1998,1999 में रिजवान जहीर, 2004 में बृजभूषण शरण सिंह ,श्रावस्ती बलरामपुर होने पर 2009 में विनय कुमार पांडेय, 2014 में दद्दन मिश्रा सांसद हुए।

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