उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के सापेक्ष विभिन्न परियोजनाओं में कुल 205 लाभार्थियों के प्रस्ताव स्वीकृत किये गये, जिसमें निजी भूमि पर तालाब निर्माण के 82, प्रथम वर्ष निवेश के 82, इंसुलेटेड रेफ्रिजरेटिव वैन के 01, इंसुलेटेड व्हीकल्स के 01, थ्री-व्हीलर विद आइसबाक्स के 01, बायोफ्लाक तालाब निर्माण के 27, बृहद-रिसकुलेटरी सिस्टम के 07, मध्याकार रिसर्कुलेटरी सिस्टम के 01, मोटरसाइकिल विद आइसबाक्स के 02 तथा लघु मत्स्य आहार मिल 2टन प्रतिदिन क्षमता) 01 लाभार्थियों के प्रस्ताव स्वीकृत किए गये। डीएम ने परियोजनाओं का अनुमोदन करते हुए मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराये जाने तथा मत्स्य उत्पादकता में बृद्वि हेतु सतत् प्रयास करने हेतु निर्देशित किया गया। इसके साथ ही समस्त सदस्यों द्वारा ब्यापक विचार विमर्श के उपरान्त विभिन्न परियोजनाओं को अनुमोदित किया गया।
निजी भूमि पर 82 तालाब निर्माण निर्माण को हरी झंडी मिल चुकी है। मत्स्य उत्पादकता में वृद्धि होने से जहां स्थानीय अवसर पर लोगों को रोजगार सुलभ हो रहे हैं। मुनाफे का सौदा होने के नाते मत्स्य उत्पादकता का क्षेत्र बढ़ रहा है। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार, मुख्य कार्याधिकारी- जिला पंचायत, जिला कृषि अधिकारी, जिला स्तरीय अधिकारी जल संसाधन, सिंचाई विभाग, परियोजना निदेशक डी0आर0डी0ए0, जिला अग्रणी बैंक प्रबन्धक, गुरूचरन प्रगतिशील कृषक प्रभारी अधिकारी कृषि विज्ञान केन्द्र, गोपाल ग्राम एवं प्रभारी अधिकारी मत्स्य प्रशिक्षण केन्द्र, सकरौरा सहित बिरहा के अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।