गोंडा

एक शिक्षक को पढ़ाने का ऐसा जुनून कि सेवानिवृत्त होने के बाद भी प्रतिदिन 10 किलोमीटर साइकिल चलाकर जाते विद्यालय

शिक्षक कभी सेवानिवृत्त नहीं होता, इस मूल मंत्र को साकार करते हुए बेसिक शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त हुए एक शिक्षक आज भी अपने घर से 10 किलोमीटर साइकिल चला कर प्रतिदिन विद्यालय निशुल्क में पढ़ाने जाते हैं।

गोंडाNov 26, 2022 / 08:30 pm

Mahendra Tiwari

सेवानिवृत्त अध्यापक वीरेंद्र कुमार यादव

गोंडा जनपद के शिक्षा क्षेत्र धानेपुर के उच्च प्राथमिक विद्यालय से सन 2020 में प्रधानाध्यापक पद से सेवानिवृत्त हुए वीरेंद्र कुमार यादव को पढ़ाने का ऐसा जुनून है कि वह प्रतिदिन अपने गांव गोसाई पुरवा से 10 किलोमीटर साइकिल चलाकर पहले की भांति आज भी समय से विद्यालय पहुंच कर बच्चों को पढ़ाते हैं। फिर जब विद्यालय अपने निर्धारित समय पर बंद होता है। तभी वहां से आते हैं। अन्य शिक्षकों की तरह सेवानिवृत्त होने के बाद भी पूरी तन्मयता से विद्यालय में ड्यूटी देते हैं।
क्लास रूम में बैठे बच्चे IMAGE CREDIT: Patrika original
63 वर्ष की उम्र में समय से विद्यालय पहुंच कर बच्चों को पढ़ाना दिनचर्या में हुआ शामिल

करीब 63 वर्ष की उम्र में वीरेंद्र यादव के जुनून में मौसम भी बाधा नहीं बन पाता है गर्मी, ठंडी जाड़ा, बरसात कोई भी मौसम हो समय से विद्यालय पहुंच कर बच्चों को पढ़ाना अब इनकी दिनचर्या में शामिल हो गया। बच्चों को पहले की तरह इतिहास, नागरिक शास्त्र, सामान्य ज्ञान जैसे विषयों को पढ़ाते हैं। शिक्षक वीरेंद्र यादव ने बताया कि अध्यापक कभी सेवानिवृत्त नही होता है। वह बचपन में पढ़े तो बच्चों के बीच और जब नौकरी शुरू की तो भी बच्चों के बीच ही रहे। उनका कहना है कि जब तक जिंदा रहूंगा, तब तक बच्चों को निशुल्क पढ़ाने का काम करेंगे।
एक शिक्षक को पढ़ाने का ऐसा जुनून कि सेवानिवृत्त होने के बाद भी प्रतिदिन 10 किलोमीटर साइकिल चलाकर जाते विद्यालय
विद्यालय में भोजन करते बच्चे IMAGE CREDIT: Patrika original
प्रधानाध्यापक बोले, विद्यालय सुचारू रूप से संचालन में मिलती मदद

विद्यालय के इंचार्ज प्रधानाध्यापक हरि प्रसाद वर्मा का कहना है कि यादव सर इसी विद्यालय से सेवानिवृत्त हुए है। और यहां रोजाना अब भी बच्चों को निशुल्क पढ़ाते है। वर्तमान समय में 223 बच्चों के बीच मैं अकेला अध्यापक और 3 अनुदेशक नियुक्त है। स्टाफ की कमी है। ऐसे में इनके कारण स्कूल सुचारू रूप से चलाने में बहुत मदद मिल रही है। प्रतिदिन समय से बच्चों को पढ़ाने आते है। बच्चे उन्हें बहुत प्यार करते है।
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