बताया गया कि मृतक विश्वनाथ मौर्य (80) पुत्र रामबलि जिनके कोई औलाद नहीं थी। पत्नी की बहुत पहले ही मौत हो चुकी थी। गांव के किसी व्यक्ति ने भरोसा दिला कर सहायता करने के नाम पर सारी जमीन घर बतौर बैनामा करा लिया। स्वार्थ निकल जाने के बाद बुजुर्ग से किनारा कस लिया। इसी वजह से अन्य लोग उससे नफरत करते थे। जिसकी बीते दिवस दोपहर स्वाभाविक मौत हो गयी तो कोई झांकने तक नहीं गया। कहते हैं जिसने सब घर खेत धन ज्यादात ले लिया उसे अंतिम संस्कार करना चाहिए, लेकिन वह भी किनारा कस लिया।
जिसकी सूचना पुलिस को मिली तो मौके पर चौकी प्रभारी लाल साहब सिंह, आरक्षी सिपाही राकेश कनौजिया पहुंचकर सच्चाई से वाकिब हुए तो दंग रह गए। फिर बाद में बुजुर्ग के शव को डीसीएम से अयोध्या ले जाकर अन्तिम संस्कार कराया। पुलिस के इस काम को जिसने सुना सभी तारीफ करते रहे हैं। इस पुनीत कार्य की सराहना करते रहे। चौकी प्रभारी के प्रयास से निसंतान बुजुर्ग का अन्तिम संस्कार सम्पन्न हुआ। काफी संख्या में लोग शव यात्रा में भी शामिल हुए लेकिन जमीन घर जायदाद लेने वाला मौके पर भी नहीं दिखाई दिया।