ये भी पढ़ें- यूपी: कोरोनाकाल में राजस्व में 42 फीसद बढ़ोतरी, GST और VAT से 8272 करोड़ की आय यह कारनामा किया एसएसपी कार्यालय के बाबू ज्ञानेंद्र सिंह ने। जिले के इन 39 दरोगाओं ने 20 नवंबर 2017 को मुरादाबाद पीटीएस में ट्रेनिंग के लिए आमद कराई थी। ट्रेनिंग पूरी होने के उन्हें जिला अलॉट हुआ और नवंबर 2018 में उन्होंने गोरखपुर में जॉइन किया। इस दौरान एसएसपी कार्यालय का बाबू इन दरोगाओं को 2018 बैच का पीएनओ अलॉट किया जबकि उनके साथ ट्रेनिंग करने वाले अन्य जिलों के दरोगाओं को 2017 के बैच का पीएनओ अलॉट हुआ था। इसके बाद इन 39 दरोगाओं के आपत्ति जताने पर बाबू ने प्रति दरोगा 60 हजार रुपये की मांग की। जब इन दरोगाओं ने घूस देने से मना किया तो एसएसपी कार्यालय के बाबू ने इन दरोगाओं के नाम के आगे साल 2018 बैच का मुहर लगा दिया। एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु का कहना है कि दरोगाओं ने शिकायत पर अब जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
ये भी पढ़ें- हाईकोर्ट का आदेश – डीजीपी पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर पर करें पुनर्विचार घूस मांगने के आरोप में जेल जा चुका है आरोपी-जून 2019 में ऐंटी करप्शन की 7 सदस्यीय टीम ने इस बाबू को घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। तब कैंपियरगंज में तैनात दरोगा पंकज यादव ने अपने बेटे का लखनऊ में इलाज कराया था, जिसमें 1.80 लाख रुपये खर्च हुए थे। मेडिकल प्रतिपूर्ति के लिए दरोगा ने बाबू से फाइल एसएसपी के पास जमा करने के लिए कहा ताकि रकम मिल सके। लेकिन बाबू ने एसएसपी के पास फाइल भेजने की एवज में 18 हजार रुपये घूस की मांग की। इसके बाद दरोगा के इशारे पर ऐंटी करप्शन टीम ने बाबू को रंगे हाथों गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।