इस साल अप्रैल में जब कोरोना की दूसरी लहर उठी थी, तब तक राज्य का राजस्व 11,196 करोड़ रुपये था। हालांकि, कोरोना कर्फ्यू मई माह की शुरुआत में ही लगा था और तभी व्यावसायिक गतिविधियों लगभग पूरी तरह से बंद हुई थीं। बाद में अधिकांश जिलों में 1 जून से ही कर्फ्यू को हटा दिया गया था। सुरेश खन्ना ने कहा कि मई 2021 में सरकार का टैक्स रिवेन्यू 8,136 करोड़ रुपये था, जबकि 2020 में यह 5,577 करोड़ रुपये था। मतलब इस वर्ष 2,558 करोड़ रुपये अधिक राजस्व की प्राप्ति हुई। वित्त विभाग द्वारा साझा किए गए डेटा में 2,771 करोड़ रुपये का जीएसटी राजस्व सामने आया है, जो महीने के लक्ष्य का 48.1 फीसदी है। वैट से निर्धारित लक्ष्य का 90.7 फीसदी (2,286 करोड़ रुपये) प्राप्त हुआ है। मई 2020 की तुलना में वैट संग्रह 1,266 करोड़ रुपये अधिक रहा है।
स्टाम्प ड्यूटी से मई 2020 में जहां 349.52 करोड़ रुपये हासिल हुए थे, वह अब बढ़कर 625.03 करोड़ रुपये हो गए हैं। हालांकि यह महीने के लक्ष्य का केवल 28.5 प्रतिशत है। मई 2020 की तुलना में परिवहन में तीन गुना वृद्धि देखी गई। बीते साल के 99.86 करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ था। वह बढ़कर 314.62 करोड़ रुपये हो गया जो लक्ष्य का लगभग 40 फीसदी है। राजस्व कर के दायरे में उत्पाद शुल्क ही था जिससे रिवेन्यू आया। भले ही 2,138.86 करोड़ रुपये के संग्रह के साथ विभाग ने अपने लक्ष्य का 52.5 फीसदी ही पूरा किया। वहीं नॉन टैक्स में प्रमुख रूप से खनन आय से राजस्व प्राप्ति हुई। उसमें भी मई 2020 की तुलना में 105.91 करोड़ रुपये की गिरावट देखी गई। इस महीने, विभाग ने 136.28 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया, जो निर्धारित लक्ष्य का 40 फीसदी है।