गोरखपुर मंडल के तकरीबन सभी जिलों में रेड राॅट का प्रकोप है। इन सभी जिलों में गन्ना प्रजाति को. 238 की काफी बुवाई हुई है। गोरखपुर क्षेत्र में इस प्रजाति का रकबा करीब पच्चीस प्रतिशत है। हालांकि, अन्य जिलों के कई चीनी मिल क्षेत्रों में इसका रकबा 80-95 फीसदी तक पहुंच गया है। गन्ना पड़ताल (सर्वे) के आंकड़ों पर गौर करने पर पता चलता है कि कुशीनगर जिले के खड्डा चीनी मिल परिक्षेत्र में इसकी बुवाई 75 से 80 फीसदी यही प्रजाति की बुवाई हुई है। यही हाल हाटा स्थित चीनी मिल क्षेत्र का है। यहां भी किसानों को जागरूक कर इसकी बुवाई का रकबा 90 फीसदी पहुंचा दिया गया है। इतना ही नहीं, गन्ना समिति की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक रामकोला स्थित त्रिवेणी चीनी मिल में 95 फीसदी तक पहुंच गई है।
Read this also: सीएम साहब, यूपी में एक अबला अापके पुलिस की प्रताड़ना से दर-ब-दर हो रही, पति को न्याय दिलाने का उठाया है बीड़ा किसानों की नगदी-चीनी उत्पादन होगा प्रभावित रेड रॉड से गन्ना किसानों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। इनकी नगदी आमदनी पर चोट लगने की आशंका है। चीनी उत्पादन भी बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है। गन्ना समितियों द्वारा किये सर्वे अनुमान के मुताबिक अब तक 25 से 30 फीसदी फसल रेड रॉड की चपेट में है। इसके बढ़ने का क्रम जारी है। आशंका जताई जा रही है कि चीनी मिलों का पेराई सत्र प्रारंभ होने तक यह रकबा बढ़कर 35 से 40 प्रतिशत तक पहुंच सकती है।
उधर, भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आदित्य प्रकाश द्विवेदी का कहना है गन्ना में होने वाली रेड रॉड बीमारी लाइलाज है। यह गन्ना का कैंसर है। ऐसा कोई केमिकल या दवा नहीं है, जिससे इसका इलाज हो। यह एक बार फसल में हो जाता है तो पूरी तरह नष्ट कर देता है।
गन्ना विकास संस्थान एवं किसान प्रशिक्षण केंद्र पिपराइच के सहायक निदेशक ओमप्रकाश गुप्ता का कहना है कि गन्ना प्रजाति के रोगग्रस्त होने की जानकारी है। हम सर्वे रिपोर्ट की लगातार निगरानी की जा रही है।। एक प्रजाति की अधिक बुवाई किसान और चीनी मिल दोनों के लिए घाटे का सौदा है। बीमारी ग्रस्त होने से चीनी मिल परिक्षेत्र के न सिर्फ किसान घाटे में जाते हैं, बल्कि प्रोडक्शन भी कम मिलता है। वर्तमान में रोगग्रस्त प्रजाति को. 238 से होने वाला नुकसान किसानों और चीनी मिल दोनों की गलती का दुष्परिणाम है। गन्ना विकास विभाग लगातार इसके लिए जागरूक करता रहा है कि एक ही प्रजाति का रकबा न बढ़ाया जाय, लेकिन दोनों ने इसे अनसुना किया।
जिलेवार औसत उपज – गोरखपुर जिला में गन्ना की औसत उपज 650 कुंतल प्रति हेक्टेयर – महराजगंज जिले में इसे 658 कुंतल प्रति हेक्टेयर – देवरिया में यह 646 कुंतल प्रति हेक्टेयर
– कुशीनगर जिले में गन्ने की औसत उपज 735 कुंतल प्रति हेक्टेयर (आंकड़े वर्ष 2018-19 के)