हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को मलेरिया के बारे में जागरूक करना और इस बारे में सतर्क रहने की सलाह देना है। प्रभारी जिला मलेरिया अधिकारी मुकेश दीक्षित ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच मलेरिया के बारे में जागरूक किया जाएगा। आशा कार्यकर्ता लोगों से बचाव के साथ ही मलेरिया से बचाव की भी जानकारी देंगी। मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो कि मच्छरों के काटने से होती है। अगर सही समय पर इलाज न मिले तो इससे व्यक्ति की मौत भी हो जाती है। ऐसे में बचाव बहुत जरूरी है।
कोविड और डेंगू के लक्षणों में फर्क मलेरिया होने पर रोगी को सर्दी लगने लगती है और शरीर कांपने लगता है। इसके अन्य लक्षणों में सर्दी के साथ प्यास लगना, उल्टी होना, हाथ पैरों में ठंड लगना और बेचैनी होना आदि है। इस बीमारी में कब्ज, घबराहट और बेचैनी आदि होने लगती है। कोविड के लक्षणों में मुंह का टेस्ट और सूंघने की क्षमता कम हो जाती है। समय पर इलाज न करवाने पर दोनों ही बीमारियां व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं। दोनों ही बीमारियों का इलाज समय पर होना जरूरी है।
डॉक्टर की सलाह, रहें जागरुक जिला अस्पताल के डॉक्टर राजेश कुमार ने कहा कि सर्दी, जुखाम और बुखार से पीड़ित मरीजों को सबसे पहले कोरोना की जांच कराने की सलाह दी जाती है। वर्तमान समय में कोविड मरीजों के साथ-साथ मलेरिया के मरीज भी आ रहे हैं। लेकिन अब बदल रहे मौसम के बीच मलेरिया की संभावना भी प्रबल होती जा रही है। इसकी वजह से कोरोना के साथ मलेरिया जांच की भी सलाह दी जा रही है।
मलेरिया से बचाव – घर के फर्श को फिनॉयल जैसे कीटाणुनाशक से साफ करते रहें।
– कूलर के पानी को नियमित रूप से बदलते रहें।
– आसपास कहीं भी पानी न इकट्ठा होने दें।
– खुद को अच्छी तरह से हाईड्रेट रखें।
– मच्छर हमेशा घर की खिड़कियों, दरवाजे और कोनों के आसपास रहते हैं। इसलिए इन एरियाज को अच्छी तरह से साफ रखें।