बतादें कि लखनऊं के रहने वाले आयुष सिंघल ने कहा कि पांत साल पहले वह लखनऊ के
अलीगंज इलाके में 22 एकड़ जमीन खरीदा था। पर इस बात की भनक अमनमणि तिवारी को लग गई। फिर क्या था अमनमणि ने इस जमीन पर कब्जा जमा लिया। युवक का आरोप है कि अमनमणि के लोगों ने डरा धमकाकर अपने गुंडों से इसे बेदखल करा दिया। सपा की सरकार में पीड़ित ने कई बार मामले की शिकायत की। लेकिन मामला सपा के कद्दावर नेता रहे अमरमणि के बेटे अमनमणि से जुड़ा हुआ था। इसलिए अखिलेश राज में कोई कार्रवाई नहीं हुई। पांच साल बीत जाने के बाद भाजपा की सरकार बनी तो पीड़ित आयुष को लगा कि इस सरकार में उसे न्याय मिल जायेगी। पर आयुष के अनुसार पुलिस और प्रशासन की तो छोड़िये अब सीएम ने ही उसके साथ जो बर्ताव किया है वो सरकार के सबके साथ सबके विकास नारे को झूठा साबित कर रहा है।
कौन हैं अमनमणि त्रिपाठी बतादें कि अमनमणि त्रिपाठी महराजगंज जिले की नौतनवां सीट से निर्दल विधायक हैं। जो यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बेहद करीबी बताये जाते हैं। भाजपा की लहर के बावजूद भी 2017 विधानसभा चुनाव जीतने वाले अमनमणि को एक दो नहीं पचासों बार सीएम योगी के आस-पास एक मंच पर ही देखा गया। इतना ही नहीं हाल में ही बीते राज्यसभा के चुनाव में अमन ने योगी को अपना नेता मानते हुए उनके कहने पर भाजपा प्रत्याशी के लिए मतदान किया था। सीएम योगी ने भी कई बार खुले मंच से अमन की तारीफ करके ये संदेश दे दिया था कि भाजपा की मौजूदा सरकार में अगर यूपी से सीएम योगी हैं तो अमनमणि का कद बेहद प्रभावी है भले ही वो निर्दल विधायक हैं।
आरोपों के बाद विपक्ष को मिलेगा बड़ा मौका जिस तरह से युवक ने मीडिया के सामने आकर सीएम पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है उससे एक बात तो तय ही कि भाजपा की नीतियों और सीएम के इस बर्ताव को लेकर विपक्ष को राजनीति करने का बड़ा मौका मिल जायेगा। आरोप ही सही पर भाजपा युवक के इस बयान से यूपी सरकार की किरकिरी तो होनी है।