विवि के दर्शन विभाग के शोध छात्र दीपक कुमार ने बीते 21 सितंबर को आत्महत्या की कोशिश की थी। दलित वर्ग से आने वाले शोध छात्र दीपक कुमार का आरोप था कि विभागाध्यक्ष प्रो.द्वारिका प्रसाद व प्रो.सीपी श्रीवास्तव द्वारा आए दिन उनके जाति को लेकर टिप्पणी करते हैं और उत्पीड़न करते हैं। कुलपति से भी इस बाबत शिकायत की लेकिन कोई हल नहीं निकला। उल्टे कुलपति से शिकायत करने के बाद उनको जान से मारने की धमकी मिली। बाकायदा सोशल मीडिया पर अपने बयान का वीडियो अपलोड कर दीपक ने जहरीला पदार्थ खाकर जान देने की कोशिश की थी। आनन फानन में उसके साथियों ने जिला अस्पताल पहुंचाया था। इसके बाद उसे मेडिकल काॅलेज रेफर कर दिया गया। दलित शोध छात्र के आत्महत्या की कोशिश के बाद विवि प्रशासन जागा। पहले मामले में अनभिज्ञता जता रहे प्रशासन ने देर रात में विभागाध्यक्ष को हटाने की कार्रवाई करने के साथ तीन सदस्यीय जांच कमेटी का भी गठन कर दिया था। हालांकि, कुछ ही देर में विवि में इस प्रकरण में नया मोड आ गया था। आरोपी दोनों शिक्षकों ने अपने ही विभाग के एक शिक्षक पर उस छात्र को मोहरा बनाने का आरोप लगा दिया था। इनका आरोप था कि विभागीय शिक्षक ने शोध छात्र के साथ मिलकर दोनों शिक्षकों को फंसाने की साजिश रची है। उक्त शिक्षक के कहने पर ही शोध छात्र ने जहरीला पदार्थ खाया।
17 दिसंबर से शोध छात्र दे रहा था धरना बीते 17 दिसंबर से शोध छात्र न्याय की मांग को लेकर धरना दे रहा था। विवि परिसर में चल रहे धरने के दौरान रविवार को शोधार्थी दीपक की तबियत बिगड़ गई। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
प्रतिनिधिमंडल में जियाउल इस्लाम, दयानंद विद्रोही, सिंहासन यादव, विजय शंकर यादव, अन्नू प्रसाद, रमेश यादव, अशोक चौधरी, शिवशंकर गौड़, शकील अंसारी, कीर्तिनिधि पांडेय, शब्बीर कुरैशी, नमिता सिंह, विनोद श्रीवास्तव, कमर कुरैशी राजू, राहुल यादव, गवीश दुबे, अभिषेक यादव, भृगुनाथ निषाद, परदेशी यादव, चन्द्रदीप मिश्र, संदीप यादव आदि मौजूद रहे।