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गोरखपुर विवि पेपर आउट प्रकरणः विवि ने दर्ज कराया एफआईआर

परीक्षा नियंत्रक की तहरीर पर केस दर्ज, कुलपति ने जिलों के डीएम व एसपी को पत्र भेजकर निगरानी का अनुरोध किया

गोरखपुरApr 18, 2018 / 02:56 am

धीरेन्द्र विक्रमादित्य

DDU convocation

डीडीयू

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय एवं संबद्ध काॅलेजों की परीक्षा के दौरान पेपर लीक प्रकरण में एफआईआर दर्ज करा दिया गया है। परीक्षा नियंत्रक की तहरीर पर कैंट थाने में पर्चा आउट कराने के आरोप में अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 66 आईटी एक्ट व परीक्षा अधिनियम 1988 की धारा 10 के अंतर्गत केस दर्ज कराया गया है। कुलपति प्रो.वीके सिंह ने विवि परिक्षेत्र के सभी जनपदों के जिलाधिकारियों तथा पुलिस प्रमुखों को एक विशेष पत्र भेजकर इस बाबत सक्रिय निगरानी का भी अनुरोध किया है।
उधर, विवि प्रशासन ने दावा किया है कि प्रारम्भिक जांच में गणित के प्रश्नपत्र के लीक होने की पुष्टि हुई है लेकिन बीए द्वितीय वर्ष के समाजशास्त्र विषय का पर्चा लीक नही हुआ है। केमिस्ट्री पेपर आउट प्रकरण को भी खारिज कर दिया गया है।
विवि के पीआरओ प्रो. हर्ष कुमार सिन्हा ने बताया कि परीक्षा की शुचिता और विद्यार्थी हित को महत्व देते हुए विवि ने आज अलग अलग पालियों में होने वाली इन परीक्षाओं को जांच रिपोर्ट आने तक स्थगित कर दिया था। स्थगित परीक्षाओं की नई तिथियों की घोषणा 19 अप्रैल को की जाएगी।
उन्होंने बताया कि कल शाम कतिपय प्रश्नपत्रों के वायरल होने की खबरों पर गम्भीरता से संज्ञान लेते हुए कुलपति प्रो विजय कृष्ण सिंह ने देर रात ही जिम्मेदार अधिकारियों के साथ स्थितियों की समीक्षा की और इस प्रकरण पर सम्यक जांच कराने तथा ऐसी गड़बड़ियों की संभावनाओं पर रोक लगाने की रणनीति पर विचार विमर्श किया।
प्रतिकुलपति की अध्यक्षता में जांच समिति ने शुरू की जांच

पीआरओ प्रो.सिन्हा ने बताया कि मंगलवार की सुबह प्रतिकुलपति प्रो. एस. के. दीक्षित की अगुआई में एक उच्चस्तरीय जांच समिति भी गठित कर दी गयी जो इस पूरे प्रकरण के तथ्यान्वेषण के बाद अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। समिति में प्रो. राजवंत राव, प्रो. अजेय गुप्ता, प्रो. विजय कुमार तथा परीक्षा नियंत्रक डॉक्टर अमरेंद्र कुमार सिंह को सदस्य नामित किया गया है।
समाजशास्त्र का पेपर केवल संदेह पर रद्द किया गया

प्रो.सिन्हा ने बताया कि अपराह्न सत्र में होने वाली बी ए द्वितीय वर्ष के समाज शास्त्र प्रथम प्रश्नपत्र के वायरल होने की खबरों पर विवि ने उस परीक्षा को भी स्थगित कर दिया हालांकि बाद में जांच में यह गलत पाया गया। उन्होंने संदेह जताया कि संभव है कि परीक्षाओं की शुचिता पर सवाल खड़ा करने के लिए समाज शास्त्र के किसी पुराने पेपर के कुछ पन्ने वायरल किये गए हों।
कहा कि विवि प्रशासन का दृढ़ता पूर्वक मानना है कि परीक्षा की शुचिता और विद्यार्थियों का हित सर्वोपरि है। इसलिए संदेह की परिस्थितियों में परीक्षा कराने की बजाय उसे स्थगित करके उसकी सम्यक जांच कराकर ही परीक्षा कराई जाएगी।
परीक्षा संबंधी पेपर काॅलेजों से वापस मंगाए गए

उधर, पर्चा लीक करने के दोषियों को चिन्हित करने के लिए विवि प्रशासन ने बहुस्तरीय कार्रवाई तेज कर दी है। स्थगित की गई परीक्षा के प्रश्नपत्रों के पैकेट विशेष वाहकों के जरिये मंगवाए जा रहे हैं।
कुलपति प्रो सिंह ने विद्यार्थियों से उद्वेलित न होने की अपील करते हुए उन्हें आश्वस्त किया है कि विद्यार्थियों के हित और परीक्षा की शुचिता हर कीमत पर प्रतिष्टबित की जाएगी और दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
नयी तिथियों की घोषणा 19 को
स्थगित की गई परीक्षाओं की नई तिथियों की घोषणा 19 अप्रैल को कर दी जाएगी। प्रो सिन्हा ने बताया कि कुलपति के निर्देश पर इस प्रकरण पर परीक्षा समिति की एक विशेष बैठक 19 अप्रैल को बुलाई गई है। उसमें विचारोपरान्त नयी परीक्षा तिथियां घोषित कर इसे शीघ्रातिशीघ्र सम्पन्न करा लिया जाएगा।
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