आज की बैठक में आयोजन से जुड़ी विभिन्न समितियों ने अब तक की तैयारी और प्रगति का ब्यौरा प्रस्तुत किया। कुलपति के निर्देश पर यह भी निर्णय लिया गया कि काव्य-संध्या तथा मुशायरा कार्यक्रम में अपनी काव्य प्रतिभा प्रस्तुत करने के लिए चयनित नवोदित विद्यार्थी कवियों का भी अभिनंदन किया जाए तथा उन्हें प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया जाए ।
बता दें कि आगामी 12 दिसंबर से दीक्षांत सप्ताह के विशेष कार्यक्रमों की श्रृंखला आरंभ हो रही है। उस दिन सुपरिचित राजनीतिक विश्लेषक तथा डॉ एपीजे
अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ के आचार्य डॉ सुधांशु त्रिवेदी ‘विज्ञान और धर्म :भारतीय दृष्टि 2050’ विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे। 13 दिसंबर को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. सदानंद गुप्त ‘भारतीयता और निराला का काव्य’ विषय पर व्याख्यान देंगे। 14 दिसंबर को विद्यार्थियों की प्रस्तुतियों पर आधारित सांस्कृतिक संध्या का आयोजन है।15 दिसंबर को लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो. संजय मेधावी ‘सोशल एंटरप्रेन्योरशिप एंड इट्स रेलिवेन्स इन प्रेजेंट टाइम्स’ विषय पर वक्तव्य देंगे। उसी दिन दोपहर 1:00 बजे से दीक्षा भवन में काव्य संध्या और मुशायरा का आयोजन है। 16 दिसंबर को साहित्य अकादमी के अध्यक्ष प्रो.विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ‘साहित्य और इतिहास’ विषय पर विश्वंभर शरण पाठक स्मृति व्याख्यान देंगे। उसी दिन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की प्रो. कृष्णा मिश्रा नैनो टेक्नोलॉजी पर एक विशेष व्याख्यान देंगी और अपराह्न 1:30 बजे से जरा याद करो कुर्बानी शीर्षक कार्यक्रम में इतिहासविद डॉ बालमुकुंद पांडेय तथा प्रो राकेश सिन्हा अपने विचार रखेंगे ।
18 दिसंबर को मुख्य कार्यक्रम का पूर्वाभ्यास आयोजित होगा और 19 दिसंबर को पूर्वाह्न 11:00 बजे से दीक्षांत समारोह का मुख्य कार्यक्रम प्रारंभ होगा जिसमें विज्ञान को जनसाधारण में लोकप्रिय बनाने में अपूर्व योगदान देने वाले प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ. जयंत विष्णु नार्लीकर दीक्षांत भाषण देंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलाधिपति
राम नाईक करेंगे।