इनके अलावा 31 निलंबित शिक्षकों के खिलाफ जांच जारी है। पिपराइच ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय, उस्का में तैनात सहायक अध्यापक सुरेश सिंह वर्ष 1996 में नियुक्ति हासिल की थी। विभाग ने उनके वर्ष 1994 के बीटीसी अंकपत्र को सत्यापन के लिए सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी के यहां भेजा था। यहां शिक्षक का अंकपत्र कूटरचित पाया गया। शिक्षक को निलंबित करते हुए आरोप पत्र जारी किया गया। इसके बाद भी उन्होंने अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं किया। अब उन्हें बर्खास्त कर दिया गया।
पिपराइच ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय, हरखापुर की सहायक अध्यापक सुधा रानी के खिलाफ फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे नौकरी करने की शिकायत एसटीएफ गोरखपुर से की गई थी। एसटीएफ ने बेसिक शिक्षा विभाग से शिक्षिका की पत्रावली तलब की थी। शिक्षिका के हाईस्कूल एवं इंटर के अंकपत्र का सत्यापन कराया। इनके कूटरचित मिलने पर शिक्षिका को निलंबित करते हुए खंड शिक्षाधिकारी पिपराइच को जांच अधिकारी नामित किया गया है। गोला ब्लॉक के ककरही में तैनात सहायक अध्यापिका साधना देवी ने जून में विभाग को नोटरी देते हुए स्वेच्छा से सेवानिवृत्त किए जाने का अनुरोध किया था। विभाग ने शिक्षिका के हाईस्कूल, इंटर एवं बीटीसी के अंकपत्र का सत्यापन कराया। प्रमाणपत्रों के कूटरचित मिलने पर शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया। खंड शिक्षाधिकारी गोला को इस मामले की जांच सौंपी गई है।