scriptडॉ. कफील खान की मुश्किलें बढ़ीं, तीन महीने के लिये बढ़ाया गया एनएसए | Dr Kafeel Khan Detention Under NSA Extended Three Month | Patrika News
गोरखपुर

डॉ. कफील खान की मुश्किलें बढ़ीं, तीन महीने के लिये बढ़ाया गया एनएसए

13 फरवरी को लगाया गया था एनएसए, एंटी सीएए विरोध प्रदर्शन के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के आरोप में यूपी एटीएस ने मुंबई से किया था गिरफ्तार।

गोरखपुरAug 17, 2020 / 08:54 pm

रफतउद्दीन फरीद

Dr Kafeel Khan

डॉ. कफील खान

गोरखपुर. बआरडी मेडकिल कॉलेज में हुए ऑक्सीजन कांड से चर्चा में आए डॉ कफील खान की मुश्किलें अभी कम होती नहीं दिख रही हैं। फिलहाल उनका जेल से निकलना मुश्किल है, क्योंकि सरकार ने डॉ कफील खान पर एनएसए तीन महीने के लिये बढ़ा दिया है। कफील खान बीते 13 फरवरी से एनएसए के तहत जेल में बंद हैं।


डॉ. कफील खान को अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन कानून यानि सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 13 फरवरी 2020 को एडवाइजरी बोर्ड और अलीगढ़ के जिलाधिकारी की रिपोर्ट पर छह महीने के लिये एनएसए लगाकर जेल में डाल दिया गया। अब सरकार ने उनके खिलाफ एनएसए तीन महीने के लिये और बढ़ा दिया है। यह तीसरी बार है जब कफील खान के खिलाफ सरकार ने एनएसए की अवधि बढ़ाई गई है। इस मामले में एडवाइजरी बोर्ड का तर्क है कि कफील खान को एनएसए के तहत जेल में रखने के लिये पर्याप्त कारण मौजूद हैं।

 

सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शनों में हुए थे शामिल

डॉ. कफील खान सीएए एनआरसी के खिलाफ हुए देशव्यापी आंदोलनों का हिस्सा बने थे। उन्होंने विरोध प्रदर्शनों के दौरान मंच भी साझा किया था। इसी दौरान अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में ऐसे ही एक विरोध प्रदर्शन के दौरान उनके द्वारा दिये गए भाषणों को भड़काऊ मानते हुए उन्हें 29 जनवरी को यूपी एटीएस द्वारा मुंबई से गिरफ्तार कर लिया गया और अलीगढ़ के डीएम की रिपोर्ट पर उनके खिलाफ एनएसए लगा दिया गया। अलीगढ़ सीजेएम कोर्ट ने डॉ. कफील खान को जमानत दे दी थी, लेकिन उनकी रिहाई के ठीक पहले उन पर एनएसए लगा दिया गया।

 

गोरखपुर ऑक्सीजन कांड से आए चर्चा में

डॉ. कफील खान साल 2017 में गोरखपुर के राजकीय बाबा राघव दास मेडिकल काॅलेज में दो दिनों के अंदर 30 से अधिक बच्चों की मौत के बाद चर्च में आए थे। घटना के वक्त कफील खान एईएस वार्ड के नोडल अधिकारी थे और उन्हें ऑक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत के मामले में आरोपी के तौर पर गिरफ्तार किया गया था। उन्हें बर्खास्त भी किया गया था, और उस मामले में उन्हें महीनों जेल में भी रहना पड़ा था। इस मामले में उन्हें अप्रैल 2018 में इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिली थी।

 

मां ने हाईकोर्ट में दी है चुनौती, कांग्रेस ने छेड़ा है अभियान

डाॅ. कफील खान के डिटेंशन को उनकी मां नुजहत परवीन की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। अदालत ने सरकारी अधिकारियों को अपना पक्ष रखने को कहा। याचिका पर 19 अगस्त को सुनवाई होनी है। उधर सुप्रीम कोर्ट ने भी हाई कोर्ट से 15 दिनों के अंदर याचिका पर फैसला करने को कहा है। कफील खान की रिहाई को लेकर कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी भी योगी सरकार को पत्र लिख चुकी हैं। इसके अलावा कांग्रेस ने उनकी रिहाई के लिये अभियान भी चलाया है।

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