scriptJanta Curfew : गोरखपुर मंडल में जनता कर्फ्यू को मिला हर किसी का साथ, गोरखनाथ मंदिर, गीता प्रेस भी 31 मार्च तक बंद | Gorakhnath Temple or Gita Press closed till 31 March for Janta Curfew | Patrika News
गोरखपुर

Janta Curfew : गोरखपुर मंडल में जनता कर्फ्यू को मिला हर किसी का साथ, गोरखनाथ मंदिर, गीता प्रेस भी 31 मार्च तक बंद

गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया और महराजगंज में सड़कों पर पूरे दिन सन्नाटा छाया रहा।

गोरखपुरMar 22, 2020 / 08:01 pm

Neeraj Patel

Janta Curfew : गोरखपुर मंडल में जनता कर्फ्यू को मिला हर किसी का साथ, गोरखनाथ मंदिर, गीता प्रेस भी 31 मार्च तक बंद

Janta Curfew : गोरखपुर मंडल में जनता कर्फ्यू को मिला हर किसी का साथ, गोरखनाथ मंदिर, गीता प्रेस भी 31 मार्च तक बंद,Janta Curfew : गोरखपुर मंडल में जनता कर्फ्यू को मिला हर किसी का साथ, गोरखनाथ मंदिर, गीता प्रेस भी 31 मार्च तक बंद,Janta Curfew : गोरखपुर मंडल में जनता कर्फ्यू को मिला हर किसी का साथ, गोरखनाथ मंदिर, गीता प्रेस भी 31 मार्च तक बंद

गोरखपुर. देशभर के साथ उत्तर प्रदेश में भी जनता कर्फ्यू लगा है। पीएम नरेंद्र मोदी की अपील का लोग समर्थन किया। सड़कें खाली पड़ी रहीं। यूपी के लगभग सभी शहरों में लोग अपने घरों के अंदर रहे। सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। पीएम मोदी के जनता कर्फ्यू का पूर्वांचल में व्यापक असर है। गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया और महराजगंज में सड़कों पर पूरे दिन सन्नाटा छाया रहा। गोरखपुर में लोग सुबह से ही घरों में रहकर इस कोरोना महामारी को मिटाने की कोशिश में लगे रहे। रोज जाम से कराहने वाली सड़कें खाली रहीं। गोरखनाथ मंदिर, गीता प्रेस को भी 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है। माॅल, सिनेमा हाल आदि पहले से ही बंद हैं। महराजगंज जिले में जनता कर्फ्यू का व्‍यापक असर देखने को मिला। सोनौली सीमा से लेकर, नेशनल हाईवे व गांवों तक हर जगह सन्‍नाटा रहा। लोग घर से निकलने से परहेज करते रहे। जिले के आनंदनगर, नौतनवा, सिसवा व घुघली रेलवे स्‍टेशनों पर भी सन्‍नाटा रहा।

इसके साथ ही जिले के अधिकांश कस्‍बों में सन्‍नाटा पसरा रहा। अगर कोई यात्री फंस गया तो उसे पैदल ही अपना सफर तय करना पड़ा। कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोग जिले में पूरी तरह से सवधानी बरत रहे हैं। अनावश्‍यक रूप से घर से बाहर निकलने पर पुलिस के जवानों ने भी लोगों काे रोका और घर में जाने की अपील की। महराजगंज नगर सहित फरेंदा, नौतनवा, निचलौल, सिसवा, घुघली, परतावल सहित अधिकांश प्रमुख कस्‍बों में दुकानें व पेट्रोलपंप बंद रहे।

गोरखपुर में मंदिर विवि और सड़कों से लोग रहे नदारद

जनता कर्फ़्यू का आलम ये है की सीएम का शहर जहां कुछ सालों से 24 घंटे रौनक रहती है, पूर्वांचल के साथ प्रदेश और देश के लोगों का आना भी लगा रहता है, वहां की सड़कें सुबह से ही सूनी रही। विश्वप्रसिद्ध गुरू गोरक्षनाथ मंदिर की तरफ भी किसी का आना जाना नहीं रहा। हमेशा लोगों की चहल-पहल से भरा रहने वाला विवि मार्ग भी सूना पड़ा रहा। सड़कें को तो छोड़िए,सामान्य गली और मोहल्ले में भी कोई कहीं नहीं दिखा। प्रदेश के मुख्यमंत्री भी जिले के लोगों को सुरक्षा के बाबत लगातार ध्यान देने को कह रहे हैं सीएम शनिवार की शाम को ही यहां आ गए और रविवार को पूरे दिन मुख्यमंत्री गोरखनाथ मन्दिर में ही एकांत में रहे। पांच बजे मुख्यमंत्री ने खुद मन्दिर में घंटी बजाकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे जिम्मेदारों का शुक्रिया कहा। बता दें कि गोरखनाथ मंदिर 31 मार्च तक के लिए बंद किया गया है।

महाराजगंज में पूरे दिन रहा ये हाल

गोरखपुर मंडल के महराजगंज जिले में जनता कर्फ्यू को सफल बनाने के लिए लोग घरों से बाहर नहीं निकले। जनता कर्फ्यू के दिन जिला अस्पताल के इमरजेंसी में लगा बेड भी खाली रहा, वहीं डॉक्टर की कुर्सी भी खाली रही। पास में बैठा एक कर्मी ड्यूटी पर तैनात मिला। इस बार्डर से कर्फ्यू के दौरान नेपाल से आवागमन ठप रहा। सारा दिन बार्डर पर सन्नाटा पसरा रहा। उधर केवल बार्डर से तेल के टैंकर ही नेपाल भेजे गए। उधर बनगवां बाजार भी कर्फ्यू के चलते पूर्ण रूप से बंद रहा। पूरे दिन सड़कें सूनी रही तो इक्के दुक्के लोग ही सड़क पर नजर आए, जिन्हें जरूरी कार्य था, वहीं अपने घरों से बाहर निकले। रविवार की शुरुआत लोगों ने जनता कर्फ्यू को सफल बनाने के लिए घर में ही रहकर की।

देवरिया की जनता का भी मिला पूरा साथ

मंडल का देवरिया जनपद जो छोटे बसे काम के लिए भी अपने गोरखपुर का रुख करता है यहां भी जनता घरों से बाहर नहीं निकली। स्टेशन और भी बिल्कुल भीड़ नजर नहीं आई। जनता ने कोरोना से सुरक्षा की लड़ाई को देश की रक्षा से जोड़ा है। यहां के लोगों का कहना है की हम अपने देश के एक एक नागरिक को कोरोना से बचाने के लिए कुछ भी करेंगे। इसके साथ ही शहर में सुरक्षाकर्मी भी सतर्क नजर आए, पुलिस पेट्रोलिंग करती रही। सड़कों पर सुरक्षाकर्मियों या फिर जरूरतमंद लोगों को छोड़ कोई नजर नहीं आया। सीएमएस डॉ एके राय ने बताया कि डॉक्टरों को इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात किया गया। इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वैसे भी कोरोना वायरस से बचाव को लेकर इन दिनों बेहद सतर्कता बरती जा रही है। इस पर लोगों का कहना है कि कोरोना जैसी भयावह बीमारी के संक्रमण से बचने के लिए जनता कर्फ्यू को सफल बनाना जरूरी है। एक दिन घर में रहकर संक्रमण पर काबू पाने में सफलता हासिल की जाएगी।

कुशीनगर में बौद्ध स्तूप स्थल बंद होने पर नहीं दिखे बाहरी लोग

बौद्ध पर्यटकों से भरा रहने वाले कुशीनगर में भी रविवार को पूरी तरह से सन्नाटा रहा। विदेश से भारी तादात में आने वाले पर्यटकों पर पहले से ही रोक लग जाने औऱ बौद्ध स्तूप स्थल बन्द हो जाने के कारण बाहरी लोग यहां पर नहीं दिखे। इसके साथ ही इस जिले की जनता ने पीएम मोदी की अपील पर बखूबी अमल किया। लोग घरों से बाहर नहीं निकले। वहीं फोन पर भी अपनों से अपील करते रहे की कोई गजर न छोड़े। शहर में जायजा लेने के लिए प्रशासन की गाड़ियां भी हर थोड़ी देर बाद दौडती नजर आई। स्वास्थ विभाग ऐसे लोगों की जानकारी लेने में भे लगा है जो बाहर से आये हैं या आने वाले है। किसी नहीं है में यहां की जनता कोरोना को फैलने से रोकने में जुटी रही।

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