अब दोनों को दूसरे जेल में शिफ्ट कर दिया गया।
कौन हैं सुनील सिंह बीते विधानसभा चुनाव में हिंदू युवा वाहिनी से बगावत करने वाले प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह को संगठन से निकाल दिया गया था। सुनील सिंह ने बीजेपी से बगावत कर हियुवा के प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया था। मामला बीजेपी हाईकमान से योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा था। इसके बाद सुनील सिंह सहित करीब आधा दर्जन नेताओं को संगठन से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। बीजेपी सुप्रीमो अमित शाह सहित पार्टी के कई बड़े नेताओं को गोरखपुर में कैंप करना पड़ा था। बागी प्रत्याशियों को मैदान से हटाने के लिए भाजपा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काफी प्रयास किया तब जाकर मामला शांत हुआ।
चुनाव बीतने के बाद भी हियुवा से निकाले गए प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह बगावत की राह पर ही रहे। हालांकि, योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद कुछ महीनों तक मंदिर से लेकर लखनउ आना जाना रहा लेकिन बात न बनती देख सुनील ने हिंदू युवा वाहिनी भारत नामक संगठन खड़ा कर लिया। संगठन के बैनर तले लोकसभा चुनाव लड़ने के ऐलान के साथ जिला-जिला घूमकर इसकी मजबूती में लग गए।
उधर, गोरखपुर में भी हियुवा भारत की गतिविधियां बढ़ गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कर्मक्षेत्र होने के नाते यहां हियुवा भी पूरी तरह से सक्रिय है। ऐसे में आए दिन असली-नकली युवा को लेकर दोनों संगठनों के कार्यकर्ताओं के बीच आए दिन ठनती रही।