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गोरखपुर

सुनील को लखनऊ जेल में किया गया शिफ्ट, योगी सेना से रार के बाद सलाखों से पीछे हैं

सुनील के एक अन्य सहयोगी को कानपुर किया गया शिफ्ट

गोरखपुरSep 09, 2018 / 07:54 pm

धीरेन्द्र विक्रमादित्य

rajasthan police

bail rules of court in india hindi

हिंदू युवा वाहिनी भारत के अध्यक्ष सुनील सिंह को लखनऊ जेल शिफ्ट कर दिया गया है। उनके साथ ही गिरफ्तार हुए चंदन विश्वकर्मा को कानपुर जेल शिफ्ट कर दिया गया है। शनिवार को दोनों को गोरखपुर से इन जेलों में शिफ्ट किया गया। हिंदूवादी नेता पर अपने कार्यकर्ताओं को थाने से छुड़ाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में सुनील सिंह पर रासुका तामील करा दी गई थी।
यह है मामला

सुनील सिंह हिंदू युवा वाहिनी भारत संगठन के अध्यक्ष हैं। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली हिंदू युवा वाहिनी भी पूरी तरह से सक्रिय है। गोरखपुर में असली-नकली संगठन को लेकर आए दिन दोनों संगठनों के लोग आमने सामने आते रहे। कुछ माह पूर्व ही यह मामला राजघाट थाने पहुंचा था। सत्ताधारी संगठन हियुवा के कार्यकर्ता की शिकायत पर पुलिस ने हियुवा भारत के एक कार्यकर्ता को थाने में बिठा लिया गया। हियुवा भारत के कार्यकर्ताओं ने थाने पर बवाल काटना शुरू कर दिया। पुराने तेवर के अनुरूप सुनील सिंह भी कुछ लोगों के साथ थाने पहुंच गए। मामला बिगड़ने लगा। कई थानों की पुलिस बुला ली गई। फिर पुलिस ने लाठीचार्ज कर हियुवा भारत के कार्यकर्ताओं को खदेड़ने के साथ इसके अध्यक्ष सुनील सिंह सहित कईयों को भी लाॅकअप में डाल दिया। फिर इस प्रकरण सहित अन्य कई मामलों में सुनील सिंह को जेल भेज दिया। करीब एक सप्ताह बाद पुलिस ने बताया कि शहर के लाल डिग्गी के पास एक लावारिस कार मिली। इस कार पर सुनील सिंह का स्टीकर लगा था। तलाशी लेने पर उसमें पेट्रोल बम व असलहा बरामद हुआ। इस मामले मेें भी पुलिस ने रपट दर्ज कर ली। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सुनील सिंह व उनके सहयोगी कार्यकर्ता चंदन विश्वकर्मा पर रासुका की संस्तुति भी कर दी।
अब दोनों को दूसरे जेल में शिफ्ट कर दिया गया।

कौन हैं सुनील सिंह

बीते विधानसभा चुनाव में हिंदू युवा वाहिनी से बगावत करने वाले प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह को संगठन से निकाल दिया गया था। सुनील सिंह ने बीजेपी से बगावत कर हियुवा के प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया था। मामला बीजेपी हाईकमान से योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा था। इसके बाद सुनील सिंह सहित करीब आधा दर्जन नेताओं को संगठन से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। बीजेपी सुप्रीमो अमित शाह सहित पार्टी के कई बड़े नेताओं को गोरखपुर में कैंप करना पड़ा था। बागी प्रत्याशियों को मैदान से हटाने के लिए भाजपा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काफी प्रयास किया तब जाकर मामला शांत हुआ।
चुनाव बीतने के बाद भी हियुवा से निकाले गए प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह बगावत की राह पर ही रहे। हालांकि, योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद कुछ महीनों तक मंदिर से लेकर लखनउ आना जाना रहा लेकिन बात न बनती देख सुनील ने हिंदू युवा वाहिनी भारत नामक संगठन खड़ा कर लिया। संगठन के बैनर तले लोकसभा चुनाव लड़ने के ऐलान के साथ जिला-जिला घूमकर इसकी मजबूती में लग गए।
उधर, गोरखपुर में भी हियुवा भारत की गतिविधियां बढ़ गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कर्मक्षेत्र होने के नाते यहां हियुवा भी पूरी तरह से सक्रिय है। ऐसे में आए दिन असली-नकली युवा को लेकर दोनों संगठनों के कार्यकर्ताओं के बीच आए दिन ठनती रही।

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