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गोरखपुर

मुख्यमंत्री के जिले में बेटियों की सुरक्षा भगवान भरोसे, नहीं दिख रहा एंटी-रोमियो दस्ता का इकबाल

डर के माहौल में घर से बाहर निकल रही बेटियां
कई जगह छेड़छाड़ के डर से स्कूल छोड़ चुकी हैं बच्चियां
बेखौफ शोहदों पर नहीं पुलिस का इकबाल, एंटी-रोमियो स्क्वायड बना केवल दिखावा

गोरखपुरAug 12, 2019 / 12:15 pm

धीरेन्द्र विक्रमादित्य

anti romeo squad

मुख्यमंत्री के जिले में बेटियों की सुरक्षा भगवान भरोसे, एंटी-रोमियो दस्ता केवल कागजों में

गोरखपुर के सबसे पाॅश इलाके में स्थित काॅर्मल गल्र्स काॅलेज के पास तीन दिनों से कक्षा छह की एक छात्रा से शोहदे बदतमीजी करते हैं। हद तक सहने के बाद छात्रा सहती है। कई दिनों तक पीछा करते हैं। डरी सहमी बच्ची जाकर मां को बताती है। मां जब पुलिस में शिकायत करती है तो पुलिस चैकन्नी होती है। इसी तरह चिलुआताल क्षेत्र में एक छात्रा शोहदों के डर से स्कूल जाना छोड़ देती है। पीपीगंज में छात्राओं से छेड़खानी कर रहे किशोरों को मना करना एक युवक को भारी पड़ गया। मनबढ़ों ने उसकी बुरी तरह से पिटाई कर दी।
यह एक बानगी भर है गोरखपुर में असुरक्षा के घेरे में घर से स्कूल जा रही बेटियों की। गोरखपुर यानी सूबे के मुखिया का जनपद। जिस मुखिया के एक इशारे पर सूबे यहां की अफसरशाही बदल सकती है, उस जिले में बेटियों को सुरक्षा का भरोसा दिलाने वाला एंटी-रोमियो दस्ता कहां है, कैसा काम कर रहा है यह एक यक्ष प्रश्न की भांति सबके सामने है।
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दरअसल, यूपी विधानसभा का जब चुनाव हुए थे तो प्रदेश की सपा सरकार की कानून व्यवस्था ही भाजपा के निशाने पर थी। गोरखपुर से विधानसभा चुनाव का बीजेपी का संकल्प पत्र जारी करते हुए अध्यक्ष अमित शाह ने यह ऐलान किया था कि सरकार बनते ही एंटी-रोमिया दस्ता बनाएंगे। यह दस्ता बेटियों की सुरक्षा का ख्याल रखेगा। हर स्कूल, चौक, चौराहों से लेकर सड़कों पर सक्रिय रहने वाला यह एंटी रोमिया दस्ता महिलाओं को यूपी में सुरक्षा का अहसास कराएगा। सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वादा तो पूरा किया लेकिन यह एंटी-रोमियो दस्ता शायद ‘शोपीस’ भर बनकर रह गया है। अपनी सक्रियता दिखाने के लिए पार्काें या किसी सार्वजनिक जगह पर सामान्य बैैठे युवक-युवतियों से पूछताछ कर ही अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर ले रहा।
पिछले एक पखवारे में अकेले गोरखपुर जिले की बात करें तो शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक दो दर्जन से अधिक ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें महिलाएं/छात्राओं/युवतियों संग सरेराह-सरेआम छेड़खानी हुई है और एंटी रोमियो दस्ता का कहीं अता पता नहीं चल सका है। लोकल पुलिस या अन्य उच्चाधिकारियों तक मामला पहुंचने पर कार्रवाई हो सकी है।
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गोरखपुर विवि में एमए करने वाली एक छात्रा बताती है कि शहर में रात की बात कौन करे दिन में ही कई बार सरेआम उन लोगों पर फब्तियां कसी जाती है। कई बार छेड़खानी हो जाती है। मामला बढ़ाने की बजाय इसे सहकर आगे निकलना ही हमसब सबसे बड़ा हल मानते हैं। पिपराइच से पढ़ने आने वाली ग्रेजुएशन की एक छात्रा का कहना है कि रोज आने जाने के लिए वह कई सहेलियों के साथ आती है। कई युवतियां साथ होने पर भी वे लोग शोहदों से परेशान रहती हैं। कई बार ऐसा होता है कि जब अन्य साथी नहीं आती तो अकेले आने में मन में एक डर बना रहता है।
बहरहाल, जिले के आला अफसर व खुद एंटी रोमियो दस्ता के जिम्मेदार हर जगह इस दस्ते के मुश्तैद होकर कार्य करने का दावा करते रहे रहे हैं। परंतु इस शायर के सवालाता भी मौजूं है- ‘तू इधर-उधर की न बात कर ये बता कारवां क्यों लुटा, मुझे रहजनों से गिला नहीं तेरी रहबरी पर सवाल है।’
कुछ महीनों में जिले में हुई बड़ी छेड़खानी की घटनाएं गौरतलब है…

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