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गोरखपुर

स्थिति का जायजा लेने पहुंचे सांसद को गांव में घुसने की नहीं मिली इजाजत, लोगों ने कहा वापस चले जाएं

MP Kamlesh Paswan sent Back by Villagers For Not Providing Help- जिले में बाढ़ की त्रासदी झेल रहे लोगों का गुस्सा स्थानीय सांसद कमलेश पासवान (Kamlesh Paswan) पर फूट गया। जिले के बासगांव लोकसभा क्षेत्र में बाढ़ का पानी कम होने पर जब सांसद स्थिति का जायजा लेने पहुंचे तो उग्र ग्रामीणों ने उन्हें वहां से जाने के लिए कह दिया।

गोरखपुरSep 07, 2021 / 04:09 pm

Karishma Lalwani

MP Kamlesh Paswan sent Back by Villagers For Not Providing Help

MP Kamlesh Paswan sent Back by Villagers For Not Providing Help

गोरखपुर. MP Kamlesh Paswan sent Back by Villagers For Not Providing Help. जिले में बाढ़ की त्रासदी झेल रहे लोगों का गुस्सा स्थानीय सांसद कमलेश पासवान (Kamlesh Paswan) पर फूट गया। जिले के बासगांव लोकसभा क्षेत्र में बाढ़ का पानी कम होने पर जब सांसद स्थिति का जायजा लेने पहुंचे तो उग्र ग्रामीणों ने उन्हें वहां से जाने के लिए कह दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि जब स्थिति खतरनाक थी तब सांसद नहीं आए। अब जब पानी कम हो गया है तो सांसद पीड़ित जनता का हाल जानने पहुंचे हैं। नाराज ग्रामीणों ने सांसद को आगे जाने ही नहीं दिया और उनका जमकर विरोध किया।
ग्रामीणों की नाराजगी देखने के बाद सांसद ने स्टीमर द्वारा एनडीआरएफ व राजस्व की टीम के साथ मैरुण्ड ग्राम सिलहटा मुंडेरा, जयरामकोल, भरोहिया, साधना, बसुही गोरसैरा आदि ग्राम सभाओं का भ्रमण कर पीड़ित परिवार को खाद्य सामग्री राहत किट का वितरण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बाढ़ से पीड़ित किसी भी परिवार को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी। अगर कोई परेशानी होती है तो हमें अवश्य बताएं उसका समाधान किया जाएगा।
बाढ़ से घिरे घर

गौरतलब है कि गोरखपुर में राप्ती, रोहिनी घाघरा, गोर्रा और आमी नदियों का पानी उफान पर है। हालांकि, फिलहाल नदियों का जलस्तर कम हो रहा है। बावजूद इसके जिले में अब तक करीब 400 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। हजारों लोगों ने रेलवे स्टेशन, सड़क और बांधों पर शरण ले रखी है। बाढ़ से हालात खराब होने पर सांसद के नहीं आने पर ग्रामीणों ने नाराजगी जताई। ग्रामीणों के मुताबिक बाढ़ के दौरान सांसद कमलेश पासवान का क्षेत्र में यह पहला दौरा था। चौरीचौरा इलाके का राजधानी सिलहटा बांध टूटने से यहां दर्जन भर गांवों के 30 हजार लोग बाढ़ से घिरे हैं। लोगों ने घर की छतों और अन्य जगहों पर शरण ले रखी है।
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