पत्र खोल रहे प्रशासन की पोल प्रशासन भले ही ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की बात को नकार रहा हो लेकिन Gorakhpur Medical College Administration के पत्राचार से एक दूसरी ही तस्वीर सामने आ रही है। अस्पताल में Pushpa Sales कंपनी द्वारा लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई की जाती है। कंपनी ने एक अगस्त को ही पत्र लिखकर ऑक्सीजन की सप्लाई न करने की चेतावनी दे दी थी। साथ ही पिछले बकाया का भुगतान करने के बाद ही कंपनी ने ऑक्सीजन सप्लाई करने की बात कही थी।
प्रदेश की भाजपा सरकार ने जब विधानसभा चुनाव में अपना घोषणा पत्र जारी किया था तो उसने इंसेफेलाइटिस उन्मूलन को भी उसमें जगह दी थी। लेकिन सरकार बनने के बाद पूर्वांचल और आधा बिहार के बीमार बच्चों का भार सह रहे बीआरडी मेडिकल कॉलेज की जरूरतों की ओर गंभीरता से ध्यान तक नहीं दिया। कुछ महीनों की बात छोड़ दें और केवल पिछले दस दिनों की बात करें तो इन दस दिनों में BRD Medical College में कम से कम आधा दर्जन आला अफसर आए जिसमें प्रदेश से लगायत जिला और मंडल के साहब शामिल रहे।
निरीक्षण कर मुख्यमंत्री या अपने अन्य अफसर की शाबाशी ले चुके हैं। दो दिन पहले मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ ने स्वयं बीआरडी मेडिकल कॉलेज का दौरा किया। लेकिन वीवीआईपी दौरे और तैयारियों के बीच सब यह भूल गए थे कि यह दौरा जिनके बेहतर उपचार और जिनको बचाने के लिए है उनकी जिंदगी व्यवस्था की लापरवाही की वजह से खतरे में है।
दस दिनों से मेडिकल कॉलेज में दौरा कर सबकुछ ठीकठाक करने वालों ने आखिर एक अगस्त को ऑक्सीजन गैस सप्लाई करने वाले का पत्र क्यों संज्ञान में नहीं लिया। जब बार-बार पत्राचार और फोन से बकाया नहीं मिलने पर सप्लाई बंद करने की बात हो रही थी तो क्यों भुगतान कराने के लिए किसी ने सक्रियता नहीं दिखाई। वह भी उस स्थिति में जब मेडिकल काॅलेज प्रशासन से लेकर जिला, मंडल और प्रदेश के अधिकारी लगातार मेडिकल काॅलेज आ रहे थे। ऐसे में सवाल उठने लाजिमी है कि क्या सबकुछ जानने के बावजूद इसको नजरअंदाज किया गया।
मुख्यमंत्री का जिला होगा इंडस्ट्री फ्रेंडली 1 अगस्त को ही कंपनी ने दे दी थी नोटिसएक अगस्त के अपने पत्र में पुष्पा सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के दीपांकर शर्मा ने प्राचार्य को लिखे अपने अधिकारिक पत्र में यह साफ तौर पर बताया है कि बकाया राशि 63 लाख 65 हजार 702 रूपये आज की तारीख तक है। गैंस प्लांट एलएमओ ने बकाया नहीं मिलने की वजह से गैस सप्लाई करने से मना कर दिया है। इस पत्र में बताया गया है कि चूंकि मामला काफी संवेदनशील है और मरीजों से जुड़ा हुआ है इसलिए हम चार से पांच दिन तक गैस की सप्लाई दे सकते हैं। आईनोक्स कंपनी जो सप्लाई हमको देती है उसने भी काफी बाकी होने पर सप्लाई देने में असमर्थता जताई है, इसलिए हम इसके बाद सप्लाई नहीं कर पाएंगे। ऐसे में सारी जिम्मेदारी अस्पताल प्रशासन की होगी। बता दें कि यह पत्र प्राचार्य बीआरडी मेडिकल कॉलेज के अलावा जिलाधिकारी गोरखपुर, एसआईसी मेडिकल कॉलेज, बाल रोग विभागाध्यक्ष मेडिकल कॉलेज, महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं यूपी को भी भेजी गई है। लेकिन किसी भी साहबान को इतनी फुर्सत नहीं मिली कि इस संबंध में कोई ऐसा हल ढूंढें जिससे ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति हो सके।