बेलघाट के सुअरहा गांव के अजय कुमार यादव उर्फ मनोज ने एंटी करप्शन में शिकायत की थी कि भाई विनोद कुमार यादव ने थाने में बीते 26 मई को गांव के ही भीमचन्द्र, धर्मेन्द्र, धर्मराज और छोटेलाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 325, 427 के तहत केस दर्ज कराया था। बताया जा रहा है कि इस केस में सुलह का दबाव बनाने के लिए दूसरे पक्ष की एक महिला निर्मला ने पहली अगस्त 2019 को कोर्ट के आदेश पर शिकायतकर्ता के भाई विजय कुमार, विनोद कुमार और राधेश्याम के खिलाफ आईपीसी की धारा 313, 452, 504 के तहत केस दर्ज करा दिया। केस की विवेचना कुरी पुलिस चैकी प्रभारी आशीष मिश्रा को मिली। दरोगा आशीष मिश्र ने विवेचना में फाइनल रिपोर्ट पक्ष में लगाने के लिए डेढ़ लाख रुपये के रिश्वत की डिमांड की। बाद में मोलभाव के पश्चात 80 हजार में दरोगा पक्ष में फाइनल रिपोर्ट पर मान गए। पक्ष ने कहा कि चालीस हजार पहले और चालीस हजार बाद में देना तय हुआ।
बुधवार को पीड़ित ने एंटी करप्शन में शिकायत दर्ज कराई।
अजय उर्फ मनोज ने गुरुवार को दिन में बेलघाट में दरोगा आशीष मिश्र के मोबाइल पर फोन कर 40 हजार रुपये तैयार होने की जानकारी दी। दरोगा ने बताया कि वह गोरखपुर आया हुआ है। दरोगा के बुलाने पर पीड़ित गोरखपुर आ गया। शाम 6.30 बजे यातायात चौराहे पर दरोगा आशीष मिश्रा बाइक से पहुंचा। पीड़ित से 40 हजार रुपये लेकर जैसे ही जेब में रखा एंटी करप्शन टीम ने दरोगा को पकड़ लिया। टीम उसे लेकर कैंट थाने लेकर पहुंची। वहां एंटी करप्शन ने दरोगा आशीष मिश्र के खिलाफ तहरीर देकर केस दर्ज कराया।