इसके लिए सेंटर फॉर रेलवे इनफॉरमेशन सिस्टम यानी ‘क्रिस’ ऐसा विशेष एप्लीकेशन विकसित किया है जिससे टिकट का पूरा डिटेल मोबाइल पर उपलब्ध होगा और टीटीई हाथों से छूकर टिकट की जांच करने के बजाए उसे स्कैन कर सकेंगे। यात्रियों के एसएमएस लिंक के जरिए टिकट का क्यूआर कोड उनके मोबाइल पर भेजा जाएग, जिसे स्कैन करते ही पीआरएस टिकट पूरा डिटेल मोबाइल पर उपलब्ध हो जाएगा।
पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने जांच की इस प्रणाली को अत्याधुनिक होने के साथ ही वर्तमान में कोरोना संक्रमण से बचाव का प्रभावी तरीका बताया है।
कैसे काम करेगा क्यूआर कोड सिस्टम
जैसे ही यात्री का आरक्षित टिकट बुक होगा क्यूआर कोड का यूआरएल लिंक एसएमएस के जरिए उसके मोबाइल नंबर पर जाएगा। स्टेशन में इंट्री या टिकट चेकिंग के समय जैसे ही यात्री एसएमएस से प्राप्त यूआरएल पर क्लिक करेगा मोबाइल ब्राउजर पर क्यूआर कोड दिखने लगेगा। इसी कोड को टीटीई अपने मोबाइल के क्यूआर कोड स्कैनर से स्कैन कर लेंगे। क्यूआर कोड स्कैनर को फ्री एप, गूगल प्ले स्टोर या आईओएस प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। इस क्यूआर कोड को एचएचडी से भी स्कैन किया जा सकेगा। इसके जरिये के यात्री के पीएनआर का सारा डिटेल टीटीई को उपलब्ध हो जाएगा।
तेजी से चल रहा काम
आरक्षित टिकटों की कांटेक्ट लेस जांच के लिए कोड जनरेट करने और लिंक पर तेजी से काम चल रहा है। टिकटों की जांच का यह सिस्टम यात्रियों और टीटीई दोनों के लिए बेहद सुविधाजनक और संक्रमण से बचाव करने वाला होगा। सीपीआरओ ने बताया कि गोरखपुर जंक्शन पर आरक्षित टिकटों का क्यूआर कोड स्कैन करने के लिए स्कैनर भी लगाया जा रहा है।