सामाजिक समरसता कुंभ के प्रांत संयोजक डाॅ.राजेश चंद्र विक्रमी इस पूरे आयोजन को गैर राजनैतिक करार देते हैं। डाॅ.राजेश बताते हैं कि यह आयोजन समाज को जोड़ने, समाज के लिए काम करने वाले लोगों को आगे लाने के लिए किया जा रहा है। संघ परिवार का इसके पीछे उद्देश्य समाज में जागरूकता लाना है। उन्होंने बताया कि यह कुंभ समाज के विभिन्न वर्गाें को एक मंच पर लाकर एक नई उर्जा से ओतप्रोत वातावरण को बनाने में मदद करेगा।
कब कहां आयोजित है वैचारिक महाकुंभ आरएसएस द्वारा आयोजित होने वाला यह महाकुंभ दिसंबर माह में विभिन्न शहरों में आयोजित होगा। इसके लिए संघ परिवार से जुड़े बौद्धिक लोग तैयारियों में जुट गए हैं। जानकारी के मुताबिक पहली व दूसरी दिसंबर को धर्मनगरी काशी में ‘पर्यावरण कुंभ’ लगेगा। इस कुंभ में देश के जानेमाने पर्यावरणविद् शिरकत करेंगे। दो दिनों तक चलने वाले इस कुंभ में देश की पर्यावरण समस्याओं पर मंथन होगा, उसके निदान और इस दिशा में हो रहे काम को सबसे साझा किया जाएगा।
इसी तरह दिसंबर महीना की 8 व 9 तारीख को नारी शक्ति कुंभ का आयोजन किया जाएगा। इसमें नारी सशक्तिकरण के लिए काम करने वाली महिलाओं व संगठनों के लोग जुटेंगे। महिलाओं की बेहतरी के लिए काम करने वाले दो दिनों तक मंथन करेंगे। यह आयोजन वृंदावन में होगा।
दिसंबर 15 व 16 को दो दिनों तक विभिन्न धर्माें के धर्माचार्य, सामाजिक सद्भाव के लिए काम करने वाले लोग भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में जुटकर समाजिक सद्भाव को और मजबूत करने पर चर्चा करेंगे। इस आयोजन में सभी धर्माें के लोगों को बुलाया गया है। इसी तरह लखनउ में 22 व 23 दिसंबर को युवा कुंभ का आयोजन किया गया है। जबकि प्रयागराज में संस्कृति कुंभ 30 जनवरी को आयोजित किया गया है।