लोकसभा चुनावों के पहले बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी करने को सपा ने रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर अब 7 जनवरी से 20 जनवरी तक सपाई गांव-गांव समाजवादी विकास विजन और समाजिक न्याय कार्यक्रम आयोजित कर रहा। बीजेपी के पदयात्रा के जवाब में सपाई बीजेपी सरकार की पोल खोलने के साथ आरक्षण के मामले में उसके पिछड़ा कार्ड को मात देंगे।
सपाई पिछड़े समाज में जाकर यह समझाने की कोशिश करेंगे कि देश में 85 प्रतिशत ओबीसी-एससी/एसटी आबादी होने के बाद भी उसे पचास प्रतिशत आरक्षण में ही सीमित किया जा रहा। जबकि 15 प्रतिशत अगड़ी जातियों के लिए पचास प्रतिशत कोटा है। इस यात्रा के दौरान समाजवादी कार्यकर्ता यह बताएंगे कि महज 27 प्रतिश पिछड़े वर्ग के आरक्षण में ही पिछड़ी जातियों को बांटने के लिए इसी में हिस्सा दिए जाने की साजिश की जा रही जबकि उनको आरक्षण देने के लिए ओबीसी कोटा में वृद्धि किए जाने की जरूरत है। सपाई ओबीसी का समर्थन इसलिए मांगेगे कि देशी की सभी जातियों को जनगणना के आधार पर हक मिले। आबादी के आधार पर आनुपातिक आरक्षण देने की व्यवस्था की जाए।
सपाई पिछड़े समाज में जाकर यह समझाने की कोशिश करेंगे कि देश में 85 प्रतिशत ओबीसी-एससी/एसटी आबादी होने के बाद भी उसे पचास प्रतिशत आरक्षण में ही सीमित किया जा रहा। जबकि 15 प्रतिशत अगड़ी जातियों के लिए पचास प्रतिशत कोटा है। इस यात्रा के दौरान समाजवादी कार्यकर्ता यह बताएंगे कि महज 27 प्रतिश पिछड़े वर्ग के आरक्षण में ही पिछड़ी जातियों को बांटने के लिए इसी में हिस्सा दिए जाने की साजिश की जा रही जबकि उनको आरक्षण देने के लिए ओबीसी कोटा में वृद्धि किए जाने की जरूरत है। सपाई ओबीसी का समर्थन इसलिए मांगेगे कि देशी की सभी जातियों को जनगणना के आधार पर हक मिले। आबादी के आधार पर आनुपातिक आरक्षण देने की व्यवस्था की जाए।
बीजेपी के ही मुद्दों पर गांव-गांव घेरेगे सपाई सपा अपने सामाजिक न्याय कार्यक्रम में गांव-गांव जाकर अपनी सपा की आगामी योजनाओं के बारे में प्रचार-प्रसार करने के साथ बीजेपी से संकल्प पत्र के हिसाब से जवाब मांगेगे। बीजेपी की कर्जमाफी योजना, युवाओं को रोजगार, खाते में पंद्रह लाख भेजने के आश्वासन, किसानों की आय दुगुनी करने जैसे वादों पर जवाब मांगेगे। सपाई नोटबंदी की विफलता के बारे में बताएंगे, आरबीआई के गवर्नर को बीजेपी के दबाव में इस्तीफा देना पड़ा इसे मुद्दा बनाकर ग्रामीणों को समझाएंगे।